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Kangana Ranaut ने फिर किया मोदी सरकार का समर्थन, 'अग्निपथ योजना' को गुरुकुल से जोड़ा

Neha Dani
18 Jun 2022 9:50 AM GMT
Kangana Ranaut ने फिर किया मोदी सरकार का समर्थन, अग्निपथ योजना को गुरुकुल से जोड़ा
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सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की गई और हजारों की संख्या में पटरियों और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया।

कंगना रनौत (Kangana Ranaut) जितनी अपनी एक्टिंग को लेकर मशहूर हैं, उतनी ही चर्चा में वो अपने बयानों को लेकर भी रहती हैं। तीन तलाक से लेकर, जिएसटी और कृषि कानून तक कंगना हमेशा सरकार के समर्थन में खड़ी होती नजर आईं हैं। राजनीतिक के अलावा वो धार्मिक मुद्दों पर भी खुलकर बोलती देखी गई हैं। अब एक बार फिर वो अपनी बात रखती नजर आई हैं और मुद्दा है सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई 'अग्निपथ योजना' (Kangana Ranaut supports Agnipath Scheme)। कंगना ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए केंद्र की इस योजना के विरोध में जारी हंगामे के बीच अपनी बात रखी है।

उन्होंने लिखा, "इजरायल जैसे कई राष्ट्रों ने अपने सभी युवाओं के लिए सेना प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया है, कुछ साल हर कोई सेना को अनुशासन, राष्ट्रवाद जैसे जीवन मूल्यों को सीखने के लिए देता है और इसका अर्थ है अपने देश की सीमाओं की रक्षा करना, #agnipathscheme के गहरे अर्थ हैं सिर्फ करियर बनाना, रोजगार पाना या पैसा कमाना ही आर्मी का मतलब नहीं है…"
इतना ही नहीं कंगना ने इस कार्यक्रम की तुलना प्राचीनकाल के गुरुकुल से की है, जिसमें बच्चों को गुरुकुल भेजने के पारंपरिक तरीके से युवा सैनिकों की संविदात्मक अस्थायी भर्ती शामिल है।
एक्ट्रेस ने आगे लिखा, "पुराने दिनों में हर कोई गुरुकुल जाता था, यह लगभग ऐसा ही है कि उन्हें ऐसा करने के लिए भुगतान मिल रहा है, ड्रग्स में नष्ट हो रहे युवाओं का चौंकाने वाला प्रतिशत और पबजी को इन सुधारों की आवश्यकता है .. इन पहलों को करने के लिए सरकार की सराहना करें।"
नई योजना के तहत बिना किसी पेंशन लाभ के कम से कम 75 प्रतिशत कर्मियों के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति के बाद सशस्त्र बलों में चार साल की अवधि के लिए भर्ती का प्रस्ताव किया गया है। 15 जून को, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये भी घोषणा की कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में 'अग्निवर' को प्राथमिकता दी जाएगी।
अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना के खिलाफ शुक्रवार को तीसरे दिन भी कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें ट्रेनों को आग लगा दी गई, सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की गई और हजारों की संख्या में पटरियों और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया।


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