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यह दावा करते हुए कि देश में रेडिएशन पर मिली अनुमति विश्व स्तर पर स्वीकृत रेडिएशन का दसवां हिस्सा है.
देश में 5जी नेटवर्क लागू करने के खिलाफ जूही चावला ने याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट से पहले के आदेश में संशोधन की मांग की थी. ऐक्ट्रेस ने अब दिल्ली हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है. अदालत ने पिछले महीने उसका मुकदमा खारिज कर दिया था और 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था.
जूही चावला चाह रही थी कि 'खारिज' शब्द को बदलकर 'अस्वीकार' कर दिया जाए. उनके वकील ने अपने तर्क में कहा कि वादी, जो "कभी भी मुकदमे के स्तर तक नहीं गई", केवल सिविल प्रक्रिया संहिता के संदर्भ में खारिज या वापस किया जा सकता है. उन्होंने देश में 5जी नेटवर्क स्थापित किये जाने के खिलाफ 31 मई को दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था और लोगों, जानवरों और वनस्पति तथा जीवों पर रेडिएशन से पड़ने वाले प्रभाव से संबंधित मुद्दे उठाए थे.
मूल आदेश न्यायमूर्ति जेआर मिधा ने पारित किया था, जो जून में सेवानिवृत्त हुए थे. मामला न्यायमूर्ति संजीव नरूला के समक्ष सूचीबद्ध हुआ जिन्होंने मामले को रोस्टर पीठ के समक्ष रखने का निर्देश दिया और मामले को 29 जुलाई के लिए टाल दिया.
जानवरों और बच्चों पर इसके प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए, ऐक्ट्रेस ने देश में 5G नेटवर्क की स्थापना को चुनौती देने के लिए मई में हाई कोर्ट का रुख किया था. चावला ने अपनी याचिका में दावा किया कि एक बार 5जी लागू हो जाने के बाद कोई भी एक्सपोजर से बच नहीं पाएगा. लेकिन अदालत ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह प्रचार के लिए दायर की गई है. कोर्ट ने कहा कि ऐक्ट्रेस ने सुनवाई के लिंक को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जिससे तीन बार व्यवधान पैदा हुआ.
हाई कोर्ट ने चावला के वकील दीपक खोसला से कई सवाल किए थे. इसने पूछा कि क्या वादी ने अदालत में आने से पहले किसी प्रतिनिधित्व के माध्यम से सरकार से संपर्क किया था.
बता दें इस मामले में जूही चावला, जो दक्षिण अफ्रीका में थीं, भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत की कार्यवाही में शामिल हुईं. याचिका खारिज होने के बाद, चावला ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें ऐक्ट्रेस ने कहा कि वह 5G तकनीक के खिलाफ नहीं हैं और केवल सरकार का प्रमाण पत्र चाहती हैं कि यह सुरक्षित है.
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने यह भी कहा कि भारत में 5G सुरक्षित है, यह दावा करते हुए कि देश में रेडिएशन पर मिली अनुमति विश्व स्तर पर स्वीकृत रेडिएशन का दसवां हिस्सा है.
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