मनोरंजन

सालों बाद Javed Akhtar ने किया खुलासा, बताया क्यों टूटी सलीम-जावेद की जोड़ी

Admin4
22 Jan 2023 10:08 AM GMT
सालों बाद Javed Akhtar ने किया खुलासा, बताया क्यों टूटी सलीम-जावेद की जोड़ी
x
नई दिल्ली। जावेद अख्तर और सलीम खान की जोड़ी को बॉलीवुड का पहला और आखिरी स्टार स्टेट्स लेखक कहा जाता है. इस जोड़ी ने 70 और 80 के दशक तक एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्में दी हैं. लेकिन यह जोड़ी 1981 में टूट गई. दोनों लेखक अपनी आपसी समझ के साथ अलग हो गए और फिर कभी एक साथ काम नहीं किया. अब एक लंबे अरसे के बाद हाल ही में एक इंटरव्यू में, जावेद अख्तर ने याद किया कि कैसे उन्होंने और सलीम खान ने एक साथ लिखना शुरू किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह सलीम ही थे जिन्होंने उन्हें स्क्रिप्ट राइटर बनने के लिए प्रोत्साहित किया था.
जावेद ने बीबीसी न्यूज हिंदी से बातचीत में कहा कि वह फिल्मों में निर्देशक बनना चाहते थे और 1966 में 'सरहदी लुटेरा' नामक फ़िल्म में सहायक निर्देशक और डायलॉग राइटर के रूप में काम कर रहे थे. सलीम फिल्म में उस फिल्म में एक छोटी भूमिका निभा रहे थे और यहीं वे दोस्त बन गए. उन्होंने याद करते हुए कहा, "सलीम साहब उन चंद लोगों में एक थे जो मुझे प्रोत्साहित करते थे. जावेद ने याद किया कि उनकी दोस्ती इसलिए पनपी क्योंकि वे एक-दूसरे के करीब रहते थे. उन्होंने कहा, "अगर शायद मैं कहीं और रह रहा होता तो उनसे इतनी मुलाकात न होती लेकिन मुझे उनके पास में ही एक कमरा मिल गया तो मैं अक्सर चलता जाता था.आगे बातचीत में जावेद ने याद किया कि वे घंटों समुद्र के किनारे बैठते थे और यहीं से उन्हें कहानी के आइडिया आने लगे. यह लगभग यही समय था जब उन्हें 'घोस्ट राइटर्स' के रूप में अपना पहला राइटिंग गिग मिला, जिसकी वजह से उन्हें 5000 रुपये फीस मिली थी. इसके तुरंत बाद, उन्हें सिप्पी फिल्म्स में लेखकों के रूप में नौकरी मिल गई और 'हाथी मेरे साथी' में राजेश खन्ना के साथ काम किया. उन्होंने बताया उन्होंने कभी बैठ कर ये तय नहीं किया कि वे लोग पार्टनर रहेंगे लेकिन ये धीरे-धीरे हो गया.
जावेद ने इस बारे में भी बताया कि कैसे 11 साल तक साथ काम करने के बाद वे अलग हो गए. उन्होंने कहा, "शुरू में जब हम नाकाम लोग, संघर्ष कर रहे थे, तो बिलकुल एक थे. कोई हमारा दोस्त नहीं था. हम लोग सुबह से शाम घंटों बैठ कर काम करते थे और रात का खाना भी साथ होता था. 24 घंटे में हम 15-16 घंटे तो साथ ही होते थे. जावेद ने कहा कि जब वे सफल हो गए तो उनकी जिंदगी बड़ी और बेहद अलग हो गई. "जब कामयाबी हाथ लगी, तो नए नए लोग जिंदगी में आना शुरू हो गए और वो सर्कल धीरे-धीरे अलग हो गया. जो हमारा मानसिक तालमेल था वो टूट गया. हम साथ काम नहीं कर सकते थे.
Admin4

Admin4

    Next Story