x
फिलहाल तो बातचीत ही चल रही है। कुछ पक्का नहीं है। सब हवा में ही है।'
CID में ACP प्रद्यूमन का किरदार निभाने वाले ऐक्टर शिवाजी साटम (Shivaji Satam) लंबे समय से बड़े और छोटे पर्दे से दूर हैं। उन्होंने 'कुछ तो गड़बड़ है, दया पता लगाओ' जैसे डायलॉग बोलकर घर-घर में अपनी छाप छोड़ी और लोगों के दिलों में एक अलग जगह बनाई। शो के ऑफ एयर हो जाने के बाद फिलहाल वह ऐसे ही किसी दमदार रोल का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि शो के दोबारा शुरू होने पर भी उन्होंने कई खुलासे किए हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत के दौरान शिवाजी साट कहते हैं, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि मुझे बहुत ऑफर्स मिल रहे हैं। अब नहीं है तो नहीं है। एक या दो ऑफर हुए लेकिन वह इंट्रस्टिंग ही नहीं थे। मैं मराठी थिएटर से हूं। मैंने वही किरदार निभाए, जो मुझे पसंद आए।'
आखिरी बार फिल्म 'हसीन दिलरुबा' में एक छोटे-से रोल में नजर आए थे लेकिन शिवाजी को लगता है कि उनकी उम्र के ऐक्टर्स के लिए इंडस्ट्री में जबरदस्त रोल्स नहीं हैं। वह कहते हैं, 'लेकिन हम कुछ कर नहीं सकते हैं। यह मेरा दुर्भाग्य है कि कोई पावरफुर कैरेक्टर लिखे ही नहीं जा रहे। यह दोनों तरफ का नुकसान है। एक ऐक्टर होने के नाते मुझे अच्छे काम की कमी खलती है और वहीं दर्शक भी एक अच्छे ऐक्टर को पर्दे पर देखने से चूक जाते हैं।'
शिवाजी कहते हैं कि उनको पुलिस के कई किरदार ऑफर मिल रहे हैं, जो उन्होंने पिछले दो दशक निभाए भी हैं। उनका कहना है, 'मैं क्यों करूं? मैं वही रोल बार-बार नहीं कर सकता हूं।' वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह एक बार फिर ACP प्रद्यूमन का किरदार निभाने के लिए तैयार हैं? तो वह बताते हैं, 'कल अगर CID फिर से शुरू होता है तो मैं इस प्रोजेक्ट को करने में सबसे आगे रहूंगा। मैं इस किरदार को निभाने में थका नहीं हूं। बस घर बैठे-बैठे थक गया हूं।'
CID को दोबारा नए किरदारों के साथ लॉन्च करने की बात पर साटम कहते हैं, 'प्रड्यूसर्स इस शो को फिर से लाने का प्लान कर रहे हैं। हां इसका फॉर्मैट अलग होगा। फिलहाल तो बातचीत ही चल रही है। कुछ पक्का नहीं है। सब हवा में ही है।'
Next Story