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लता मंगेशकर के निधन पर शोक में डूबा भारत, सिर्फ 1 दिन के लिए गई थीं स्कूल, पढ़े Unknown facts
jantaserishta.com
6 Feb 2022 5:30 AM GMT
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'लता मंगेशकर' नाम ही काफी है. कहते हैं कि हर कामयाब इंसान के पीछे कई कहानियां और किस्से होते हैं. लता मंगेशकर की जिंदगी के भी कई अनकहे किस्से हैं. इन किस्से-कहानियों से पता चलता है कि उन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ खोकर, कुछ पाया है. इन कठिनाईंया को पार करने के बाद ही वो दुनियाभर में अपनी पहचान बना पाईं.
लता संगीत की दुनिया में एक पूजनीय और सम्मानित गायिका थीं. इसलिये फैंस को उनकी जिंदगी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी
बात जानने का हक है. चलिये जानते हैं लता मंगेशकर की लाइफ से जुड़े वो किस्से, जो किसी को पता नहीं हैं. 28 सितंबर 1929 को लता का जन्म इंदौर में हुआ था. जन्म के समय उनका नाम हेमा था. बाद में उनके पिता दीनानाथ ने 'भावबंधन' नाटक में एक फीमेल कैरेक्टर से प्रभावित होकर अपनी बेटी का नाम 'लता मंगेशकर' रख दिया.
लता मंगेशकर बचपन से ही घर की जिम्मेदार बेटी थीं. संगीत और नाटकों की कला उन्हें विरासत में मिली थी. वो महज पांच साल की होंगी, जब उन्होंने अपने पिता दीनानाथ के साथ म्यूजिकल प्ले में अभिनय करना शुरू कर दिया. इसके अलावा उन्होंने अपने नानी से लोक गीत भी सीखें.
आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने जीवनकाल में लता पढ़ने के लिये सिर्फ एक दिन स्कूल गईं. कहा जाता है कि लता मंगेशकर स्कूल में बच्चों को गाना सिखाना चाहती थीं. पर स्कूल टीचर को उनकी ये बात पसंद नहीं आई. उन्हें वो नहीं करने दिया गया, जो वो करना चाहती थीं. बस इसलिये लता जी ने स्कूल जाना बंद कर दिया. दूसरी ओर ये भी कहा जाता है कि लता मंगेशकर अपनी छोटी बहन आशा भोसले को स्कूल साथ ले जाना चाहती थीं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. यही वजह थी कि उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया.
1942 में पिता दीनानाथ की मौत के बाद लता मंगेशकर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. 13 साल की उम्र में जब बच्चे हंसते-खेलते हैं, तब लता जी पर घर चलाने की जिम्मेदारी थी. बस यहीं से उन्होंने गायिकी और अभिनय में करियर बनाना शुरू कर दिया.
1945 में लता मंगेशकर को मास्टर विनायक ने बड़ी मां फिल्म में छोटा सा रोल ऑफर किया. पर लता जी को गायिकी की तरफ ज्यादा रूचि थी इसलिये, उन्होंने उसी साल उस्ताद अमन अली खान द्वारा भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया.
वो कहते हैं कि कई बार रिजेक्शन भी आपकी जिंदगी में खुशियां लेकर आता है. लता मंगेशकर की जिंदगी में कई ऐसे मौके आये जब उनकी आवाज को रिजेक्ट किया गया. पर लता के साथ मां सरस्वती का आशीर्वाद था. 1949 में महान गायिका ने महल फिल्म के गीत 'आएगा अनेवाला को अपनी आवाज दी. इस गाने को उन्होंने इतनी खूबसूरती से गाया कि सुनने वाला हर इंसान उनकी आवाज में मंत्रमुग्ध हो गया.
लाइमलाइट से खुद को दूर रखने वाली लता ने परिवार के कारण शादी न करने का फैसला लिया. अपनी गायिकी से लोगों के दिलों पर राज करने वाली लता मंगेशकर कई अवॉर्ड्स से सम्मानित की गई थीं. अपने करियर में उन्होंने बेहतरीन गाने गाकर विश्वभर में भारत का नाम रोशन किया.
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