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Independence Day 2024: आजादी के बाद से कितना बदला भारतीय सिनेमा

Bharti Sahu 2
14 Aug 2024 12:51 AM GMT
Independence Day 2024: आजादी के बाद से कितना बदला भारतीय सिनेमा
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Independence Day 2024: आजादी के 77 साल पूरे हो रहे हैं। आजादी के बाद से देश के विकास में कई चीजों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। कई क्षेत्रों में अद्भुत प्रगति देखी गई है। इसी कड़ी में भारतीय सिनेमा ने भी आजादी के बाद से अब तक कई बदलावों को चुना और उपलब्धियां हासिल की हैं। बदला भारतीय सिनेमा का रंग-रूप पिछले 77 सालों में सिनेमा का रंग रूप इतना ज्यादा बदल गया है कि ये एक अलग कहानी बयां कर सकता है। कहानी से लेकर गीत, संगीत,
पटकथा, तकनीक
, कई मामलों में सिनेमा में बहुत बदलाव हुआ है। साथ ही आजादी के बाद आए बदलावों से भारतीय सिनेमा को उपलब्धि भी हासिल हुई है। 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ था। ये दिन भारत के इतिहास में सबसे खूबसूरत दिन माना गया है। आजादी का असर भारतीय सिनेमा पर भी पड़ा। 1947 में किशोर साहू की फिल्म 'सिंदूर' रिलीज हुई थी। ये एक ऐसी फिल्म थी जिसने दर्शकों के सामने एक विधवा के जीवन में आने वाली कठिनाइयों को लोगों के सामने रखा था।
आजादी के अगले साल राज कपूर की फिल्में 'आग और बरसात', कमाल अमरोही की फिल्म 'महल', रूप शौरी की फिल्म 'एक थी लड़की' रिलीज हुई थी। इसके बाद धीरे-धीरे भारतीय सिनेमा व्यावसायीकरण की ओर बढ़ने लगा। मनोरंजन पर काल्पनिक कहानियां हावी होने लगी थीं
इसके बाद कुछ नई चीजों का चलन लोगों के सामने आया। फिल्मों में विलेन, कॉमेडियन, रोमांस, कैबरे डांस ने लोगों का मनोरंजन करना शुरू किया। 60 के दशक की बात की जाए तो 'मुगल-ए-आजम' पहली फिल्म थी जिसे बनने में एक दशक से भी ज्यादा का समय लगा था। इतना ही नहीं, ये पहली हिंदी फिल्म थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की थी। 50 और 60 के दौर की फिल्मों में दिलीप कुमार, देव आनंद, सुनील दत्त, गुरुदत्त, राज कपूर, बलराज साहनी, राजेंद्र कुमार जैसे कलाकारों की एंट्री हो चुकी थी। वहीं मीना कुमारी, मधुबाला, नरगिस, नूतन, वहीदा रहमान जैसी हीरोइनों का भी बोलबाला था।इसके बाद दौर आया हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का, जिन्होंने अपने रोमांटिक अंदाज से लोगों को अपना दीवाना बना दिया। इस दौरान फिल्मों की कहानियों के पैटर्न में भी बदलाव आया।
आजादी के बाद से अब तक भारतीय सिनेमा ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। भारतीय सिनेमा ने आजादी के बाद ढेरों जिम्मेदारियां निभाई हैं। अपनी धरोहर को वैश्विक रूप से पहचान दिलाई है। -रोजगार और इंडस्ट्री के विकास में भारतीय सिनेमा ने अपना योगदान दिया है। अब भारतीय सिनेमा का विदेशों में भी डंका बजने लगा है। पिछले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सिनेमा को एक अलग पहचान मिली है। -कांस फिल्म फेस्टिवल से लेकर ऑस्कर तक में भारतीय फिल्मों ने नॉमिनेशन हासिल किए हैं और अवॉर्ड्स भी जीते हैं। -कमाई के मामले में हिंदी सिनेमा और साउथ सिनेमा, हॉलीवुड के बाद दुनियाभर में दूसरे नंबर पर है। -सिनेमाघरों में तो फिल्में रिलीज हो ही रही हैं, लेकिन अब ओटीटी पर भी भारत में एक से बढ़कर एक कंटेंट दर्शकों के सामने पेश किया रहा है।
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