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नागपुर। भारत के मुख्य ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने शनिवार को कहा कि नागपुर की धीमी पिच पर आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को ड्राइव शॉट खेलकर गलतियां करने के लिये लुभाने की उनकी योजना कारगर रही जिससे घरेलू टीम ने यहां पहले टेस्ट में पारी और 132 रन से जीत हासिल की.
अश्विन (79 रन देकर आठ विकेट) ने भारत के लिये सर्वाधिक विकेट चटकाये जिसमें शनिवार को तीसरे दिन आस्ट्रेलियाई की दूसरी पारी में पांच विकेट शामिल रहे. अश्विन ने मैच के बाद कहा कि विकेट काफी धीमा था. मैं पूरे टेस्ट के दौरान यह कहता रहा हूं. यह उस तरह की पिचों में से एक नहीं थी जहां गेंद दस्तानों से होकर जाती. आपको इस विकेट पर बल्लेबाजों को ड्राइव शॉट खेलने के लिये उकसाने की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि इसलिये मैंने सोचा कि उन्हें (आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों) एक या दो गेंद ड्राइव खेलने वाली दूं, उन्हें शॉट खेलने के लिये उकसाऊं. अश्विन ने घरेलू टीम के स्पिनरों की तारीफ की जो बल्लबाजी भी कर सकते हैं जैसा कि मैन ऑफ द मैच रहे रविंद्र जडेजा के अलावा अक्षर पटेल ने भी किया. जडेजा ने सात विकेट झटकने के अलावा 70 रन का भी योगदान दिया जबकि अक्षर ने बल्ले से 84 रन का योगदान दिया जो मैच में कप्तान रोहित शर्मा (120 रन) के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे.
अश्विन ने कहा, कि मुझे जड्डू से काफी मदद मिली, वह शानदार फॉर्म में रहा है. पिछले तीन वर्षों में उसने जिस तरह से बल्लेबाजी और गेंदबाजी की है, हमें मैदान में उसके खेलने के बारे में बात करने की जरूरत नहीं है. वह शानदार क्रिकेटर है. मैं शुक्रगुजार हूं कि मुझे उस जैसा गेंदबाजी जोड़ीदार मिला है. अक्षर भी कोई सामान्य गेंदबाज नहीं है, हमारे पास काफी अच्छे स्पिनर हैं जो बल्लेबाजी भी कर सकते हैं. आस्ट्रेलिया जैसी शीर्ष टीम के खिलाफ दबदबे भरी जीत के बारे में पूछने पर अश्विन ने कहा कि मैं अपनी बल्लेबाजी इकाई को श्रेय दूंगा, उन्होंने आस्ट्रेलियाई टीम के सामने अच्छी बल्लेबाजी की. उनके लिये फिर आकर बल्लेबाजी करना मुश्किल हो गया जिसमें आज हमारे लिये शुरूआती विकेटों ने लय तय कर दी.
पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा के स्थान पर तीसरे नंबर पर रात्रिप्रहरी के तौर पर उतरे अश्विन ने 23 रन का योगदान दिया था. इस नंबर पर बल्लेबाजी करने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मैं शुरू में बल्लेबाजी करने के मौके बारे में पूछता रहा हूं. अन्य बल्लेबाजों को बल्लेबाजी करते हुए देखने से मैं इन दिनों काफी नर्वस महसूस कर रहा था. इस टेस्ट में मौका था तो मैंने खुद को पेश किया. मेरे दोस्त (चेतेश्वर) पुजारा ने मुझे रात्रिप्रहरी के तौर पर आने दिया क्योंकि पहला दिन खत्म होने में 20 मिनट बचे थे और मैंने इस मौके को खुशी खुशी हासिल किया.
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