x
इसकी वजह से भी चीन हमेशा ही चिढ़ा हुआ रहता है।
अमेरिकी सीनेट की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे का भले ही कोई समय अब तक तय नहीं है, लेकिन इसको लेकर अमेरिकी प्रशासन पूरी तरह से सचेत है। अमेरिका ने जिस बात की आशंका जताई थी वो अब सही साबित होती दिखाई दे रही है। दरअसल, कुछ दिन पहले ही अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी को कहा था कि ताइवान जाते समय चीन नैंसी पेलोसी की हत्या तक करवा सकता है। इस आशंका के मद्देनजर ही अमेरिकी प्रशासन पहले से ही कुछ ऐसी प्लानिंग करने में लगा है जिससे इस तरह की चीजों से बचा जा सके। बता दें कि चीन की तरफ से ये साफ कर दिया गया है कि यदि नैंसी का विमान अमेरिकी फाइटर जेट के साथ ताइवान में दाखिल हुआ तो वो उसको मार कर गिरा देंगे।
नैंसी के दौरे को देखते हुए अहम बैठक
नैंसी के संभावित ताइवान दौरे को देखते हुए कुछ दिन पहले ही अमेरिकी सेना के प्रमुख ने पेंटागन में खुफिया एजेंसियों के साथ एक अहम बैठक भी की थी। इसमें कहा गया था कि नैंसी के दौरे पर उनकी हिफाजत को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए सभी एजेंसियों से एक साथ फुलप्रुफ प्लानिंग करने को भी कहा गया था। इसके तहत ही ये बात सामने आई थी कि अमेरिका नैंसी के ताइवान दौरे पर उनके विशेष विमान के साथ अपने लड़ाकू विमान भी रवाना करेगा। तना हीनहीं अमेरिका इस दौरान समुद्र में होने वाली हर तरह की गतिविधियों पर भी नजर रखेगा। समुद्र में उसके जंगी जहाज, एयरक्राफ्ट कैरियर और सेना पूरी तरह से हाई अलर्ट पर रहेगी।
बाइडन की बढ़ी हुई है चिंता
आपको बता दें कि नैंसी के ताइवान दौरे से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की भी चिंता बढ़ गई है। पहले उन्होंने कहा था कि नैंसी के ताइवान जाने का ये सही समय नहीं है। उनका कहना था कि चीन लगातार धमकी दे रहा है। ऐसे में चीन की तरफ से की गई कोई भी पूरे क्षेत्र को मुश्किल में डाल सकती है। बाइडन की तरफ से ये केवल एक बयान ही नहीं था बल्कि चीन को एक चेतावनी भी थी, कि यदि उसने नैंसी की हत्या करने के बारे में सोचा तो ये उसके लिए अच्छा नहीं होगा। कुछ दिन पहले ही जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच फोन पर 5वीं बार बात हुई थी, तब भी ताइवान को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव साफ दिखाई दिया था।
अमेरिका और चीन की साख दांव पर
जानकार मानते हैं कि यदि नैंसी के दौरे पर चीन ने कोई गलती की तो ये किसी के लिए भी सही नहीं होगा। इस मामले में मौजूदा समय में दोनों की ही साख दांव पर है। यदि चीन की धमकी के डर से नैंसी का दौरा रद होता है तो ये अमेरिका की तरफ से विश्व को गलत संदेश दे जाएगा। इसका सीधा अर्थ ये होगा कि अमेरिका चीन से डर गया। वहीं यदि नैंसी के दौरे पर चीन कुछ हिमाकत करता है तो भी मुश्किल होगी। बता दें कि यदि नैंसी का ये दौरा होता है तो करीब तीन दशक में वो पहली सीनेट की अध्यक्ष होंगी जो ताइवान जाएंगी।
ताइवान को लेकर अमेरिका चीन में तनाव
आपको बता दें कि ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच काफी समय से तनाव व्याप्त है। इसकी वजह ये है कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। वहीं ताइवान खुद को एक आजाद राष्ट्र के रूप में बताता है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग कई बार ताइवान पर कब्जे के लिए खुली धमकी भी दे चुके हैं। उसके लड़ाकू विमान लगभग हर रोज उसके हवाई क्षेत्र में घुस जाते हैं। वहीं अमेरिका के युद्धपोत भी ताइवान की समुद्री सीमा में चक्कर लगाते रहते हैं। इसकी वजह से भी चीन हमेशा ही चिढ़ा हुआ रहता है।
Next Story