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प्रियदर्शन निर्देशित फ़िल्म हंगामा 2 उनकी पहली रिलीज़ फ़िल्म होगी, जो 23 जुलाई को डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर आ रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- नई दिल्ली। दक्षिण भारतीय सिनेमा में तक़रीबन 10 साल गुज़ारने के बाद प्रणिता सुभाष अब हिंदी फ़िल्मों में अपनी पारी शुरू कर रही है। प्रियदर्शन निर्देशित फ़िल्म हंगामा 2 उनकी पहली रिलीज़ फ़िल्म होगी, जो 23 जुलाई को डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर आ रही है।
इसके बाद इसी प्लेटफॉर्म पर उनकी दूसरी फ़िल्म भुज- द प्राइड ऑफ़ इंडिया 13 अगस्त को आएगी। हालांकि, उनकी साइन की गयी पहली फ़िल्म भुज ही है। जागरण डॉटकॉम के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रणिता ने हंगामा 2 और हिंदी सिनेमा में करियर की सम्भावनाओं पर बात की।
बेंगलुरु से होने की वजह से प्रणिता की हिंदी बोलचाल में एक संकोच की परत रहती है, लेकिन हिंदी सिनेमा के लिए उनका उत्साह उस संकोच पर भारी पड़ता है। हंगामा 2 में प्रणिता का किरदार गर्ल नेक्स्ट डोर का है, जो एक विचित्र परिस्थिति में फंस जाती है।
प्रणिता कहती हैं कि यह ऐसा किरदार है, जिससे कोई भी रिलेट कर सकता है। हंगामा 2 प्रियदर्शन की ही 1994 में आयी मलयालम फ़िल्म मिन्नारम का रीमेक है, जिसमें मोहनलाल ने लीड रोल निभाया था। 27 साल पुरानी कहानी को आज के दौर में दिखाना जोख़िम भरा नहीं है?
इस पर प्रणिता बताती हैं कि हंगामा 2 में पुरानी फ़िल्म का सिर्फ़ 50 फ़ीसदी हिस्सा ही है। मिन्नारम से इसे काफ़ी अलग किया गया है। हां, स्टोरीलाइन वही है, मगर उसे मौजूदा जनरेशन के हिसाब से बदला गया है।
प्रणिता, प्रियदर्शन के काम करने के तरीक़े से काफ़ी प्रभावित हैं, कहती हैं- प्रियदर्शन सर आपसे उम्मीद नहीं करते कि आप पूरी तैयारी करके सेट पर आएंगे। उनका मानना है कि एक्टर को अपना ज़हन बिल्कुल खाली करके सेट पर आना चाहिए। फिर वो बताते हैं कि क्या-क्या करना है।
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हंगामा 2 की शूटिंग पहले लॉकडाउन के बाद मनाली में हुई थी। प्रणिता बताती हैं कि मनाली ग्रीन ज़ोन (कोविड केस नहीं थे) था, इसलिए शूटिंग के दौरान कुछ भी दिक्कत नहीं हुई। इतनी बड़ी स्टार कास्ट के साथ शूटिंग को ख़ूब एंजॉय किया। शिल्पा रोज़ योग करती थीं। उनसे प्रेरित होकर सभी लोग सेट पर योग करने लगे थे।
फ़िल्म में प्रणिता की जोड़ी मीज़ान जाफ़री के साथ है। अगर फ़िल्मों की गिनती की नज़र से देखें तो प्रणिता मीज़ान से काफ़ी सीनियर हैं, मगर सेट पर गंगा उल्टी बहती थी। प्रणिता हंसते हुए कहती हैं- मीज़ान ख़ुद को सीनियर मानते थे, क्योंकि बॉलीवुड में उन्होंने एक फ़िल्म (मलाल) कर ली है। इसलिए, मुझे रैगिंग करने का मौक़ा नहीं मिला। वैसे, वो अच्छे को-स्टार हैं। अच्छे डांसर हैं। उन्होंने काफ़ी तैयारी की है।
प्रणिता सेट पर मीज़ान के साथ गुज़ारे पलों को याद करते हुए कहती हैं- जब भी उनसे पूछती थी कि क्या कर रहे हो, तो वो कोई ना कोई साउथ फ़िल्म देखते हुए मिलते थे। मैंने उनसे कहा कि आप साउथ में जल्दी डेब्यू कर लो, क्योंकि आपको साउथ फ़िल्में बहुत पसंद हैं। मैं हिंदी में आ जाती हूं।
बहुत कम लोग जानते होंगे कि प्रणिता ने महज़ 17-18 साल की उम्र में फ़िल्मों में अपनी पारी शुरू की थी। प्रणिता 12वीं में पढ़ रही थीं, जब कन्नड़ फ़िल्म पोकरी का ऑफ़र उनके पास आया। प्रणिता बताती हैं कि उनके माता-पिता डॉक्टर हैं। वो नहीं चाहते थे कि मैं फ़िल्मों में आऊं। बड़ी मुश्किल से उन्हें मनाया और पोकरी से उनका डेब्यू हुआ। सलमान ख़ान की फ़िल्म वॉन्टेड इसी पोकरी का हिंदी रीमेक है।
प्रणिता अब हिंदी सिनेमा में ठहरना चाहती हैं- बिल्कुल, हिंदी फ़िल्मों में काम करना चाहती हूं, लेकिन यह मेरे हाथ में नहीं है। अगर लोगों को मेरा काम पसंद आता है तो निश्चित तौर पर और काम करूंगी। हिंदी सिनेमा में करियर बनाने के लिए प्रणिता दो साल पहले मुंबई शिफ़्ट हुई थीं, मगर कोविड-19 की वजह से उन्हें वापस बेंगलुरु लौटना पड़ा, जहां उनका घर है।
हिंदी सिनेमा में पहले कोशिश क्यों नहीं की? यह पूछने पर प्रणिता कहती हैं कि पहले उनका मन इधर आने का नहीं था। ऑफ़र आते थे, पर अच्छे नहीं थे। दो साल पहले भुज का ऑफ़र आया था। हालांकि, उससे पहले आयुष्मान खुराना के साथ एक वीडियो कर चुकी थीं।
प्रणिता मानती हैं कि अगर हंगामा 2 सिनेमाघरों में रिलीज़ होती तो उन्हें अधिक फ़ायदा होता। प्रोड्यूसर, डायरेक्टर ने एक साल तक इंतज़ार किया। फिर सेकंड वेव आ गयी। अब तर्थ वेव आने की बातें की जा रही हैं। ऐसे में ओटीटी ही सही रास्ता था। प्रणिता ने पसंदीदा निर्देशकों के बारे में पूछने पर बताया कि वो ज़ोया अख़्तर, करण जौहर और संजय लीला भंसाली साथ काम करना चाहती हैं।
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