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बॉक्‍स ऑफिस पर कैसे हिट और फ्लॉप होती हैं फिल्‍में? जाने

Neha Dani
7 Sep 2022 3:57 AM GMT
बॉक्‍स ऑफिस पर कैसे हिट और फ्लॉप होती हैं फिल्‍में? जाने
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लेकिन इस फिल्‍म के डिस्‍ट्रीब्‍यूटर हैं 'फॉक्‍स स्‍टूडियोज' और 'वॉल्‍ट डिज्‍नी स्‍टूडियो।'

फिल्‍मों के कलेक्‍शन में दिलचस्‍पी रखते हैं तो यह सवाल मन में घुमड़ता होगा कि बॉक्‍स ऑफिस पर फिल्‍में हिट और फ्लॉप कैसे होती हैं? 'कार्तिकेय 2' ने 80 करोड़ रुपये कमाए और सुपरहिट हो गई, जबकि 'गंगूबाई काठ‍ियावाड़ी' 132 करोड़ रुपये कमाकर भी सुपरहिट नहीं बन पाई। आख‍िर यह कैसे तय होता है कि बॉक्‍स ऑफिस पर कोई फिल्‍म हिट, फ्लॉप, एवरेज, सुपरहिट और ब्‍लॉकबस्‍टर है। इसे समझना जरूरी है। एक दौर था जब फिल्‍मों के हिट होने के लिए कहानी और एक्‍ट‍िंग मायने रखती है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब 'बाहुबली 2' जैसी फिल्‍म को ब्‍लॉकबस्‍टर बनने के लिए 800 करोड़ रुपये की कमाई करनी पड़ती है। जबकि 'भूल भुलैया 2' ने 184 करोड़ रुपये की कमाई की और ब्‍लॉकबस्‍टर बन गई। आंकड़ों के इस फेर में बॉक्‍स ऑफिस के गण‍ित को समझना है तो शुरुआत से शुरू करना होगा। फिल्‍म बनाने वाले से लेकर इसे बेचने वाले और रिलीज के बाद इसे देखने वाले तक, हर एक चीज मिलकर यह तय करते हैं कि फिल्‍म को क्‍या स्‍टेटस मिलेगा। आइए, आज इसे समझते हैं।


1. जो इंसान फिल्‍म बनाता है या यह कहें कि जिसके पैसे से पूरी फिल्‍म बनती है उसे प्रोड्यूसर (What does being a producer mean?) करते हैं। प्रोड्यूसर ही वह शख्‍स है जो डायरेक्‍टर से लेकर एक्‍टर, कहानी और स्‍क्रीनप्‍ले लिखने वाले, टेक्‍नीश‍ियन, जूनियर आर्टिस्‍ट्स को हायर करता है। कुल मिलाकर एक फिल्‍म का असली मालिक होता है उसका प्रोड्यूसर। यही इंसान पैसा लगाता है और फ्लॉप होने पर नफा-नुकसान का हिसाब से भी इसी से मांगा जाता है। प्रोड्यूसर एक इंसान भी हो सकता है और कई लोग मिलकर भी एक फिल्‍म को प्रोड्यूस करते हैं।

उदाहरण के लिए 'ब्रह्मास्‍त्र' के प्रोड्यूसर हैं अयान मुखर्जी, करण जौहर, अपूर्व मेहता, नमित मल्‍होत्रा, रणबीर कपूर और मरिजके डि‍सूजा। बॉलीवुड के सबसे बड़े प्रोड्यूसर्स की लिस्‍ट में भूषण कुमार (टी-सीरीज), आदित्‍य चोपड़ा (यशराज फिल्‍म्‍स), साजिद नाडियाडवाला (नाडियाडवाला एंड ग्रैंड सन्‍स), करण जौहर (धर्मा प्रोडक्‍शन), जैसे दिग्‍गज शामिल हैं। इसी तरह साउथ में लायका प्रोडक्‍शन, अर्का मीडिया वर्क्‍स, सन पिक्‍चर्स, डीवीवी एंटरटेनमेंट्स, होम्‍बले फिल्‍म्‍स आदि बड़े प्रोडक्‍शन बैनर हैं।

2. फिल्‍म जब बनकर तैयार होती है तो इसे सिनेमाघरों तक पहुंचाने के लिए जरूरत होती है डिस्‍ट्रीब्‍यूटर्स की। कई प्रोडक्‍शन कंपनियां खुद फिल्‍म को डिस्‍ट्रीब्‍यूट भी करती हैं। यानी डिस्‍ट्रीब्‍यूटर्स (Film Distributors) भी दो तरीके के होते हैं। एक कंपनियों के रूप में और दूसरा कोई एक इंसान भी। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि रवीना टंडन के पति अनिल थडानी भी डिस्‍ट्रीब्‍यूटर हैं और विद्या बालन के पति आदित्‍य रॉय कपूर की कंपनी 'यूटीवी मोशन पिक्‍चर्स' प्रोड्यूसर भी है और डिस्‍ट्रीब्‍यूटर भी। उदाहरण के लिए 'ब्रह्मास्‍त्र' के प्रोड्यूसर भले ही धर्मा प्रोडक्‍शन्‍स, अयान मुखर्जी और बाकी लोग हैं। लेकिन इस फिल्‍म के डिस्‍ट्रीब्‍यूटर हैं 'फॉक्‍स स्‍टूडियोज' और 'वॉल्‍ट डिज्‍नी स्‍टूडियो।'


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