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‘अफ्रीकन कैट्स’ डॉक्यूमेंट्री थी, अब ‘इंडियाज वाइल्ड लेपर्ड्स’ हो गई है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर देश को चीतों की सौगात दी। ये तो सभी को पता है कि भारत या फिर पूरी दुनिया में कुछ जानवरों की लगातार कमी हो रही है, जिनमें से चीता एक मुख्य है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने पूरे 70 साल के बाद देश में दोबारा चीतों को लाने का सोचा और लेकर भी आए। उन्होंने अपने बर्थडे पर 8 चीतों को विदेश से लाकर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा। अब हम आपको इसी से जुड़ी एक फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जो चीतों पर ही बेस्ड है। इसके बारे में जानकर आपके मन में जरूर एक बार इसे देखने की ललक पैदा होगी।
क्या दिखाती है ये डॉक्यूमेंट्री?
भारत बाघों की भूमि हो सकती है, लेकिन यह उन उस्तादों का भी घर है जो सबसे गहरे जंगलों और सबसे ऊंचे पहाड़ों की खोज करते हैं। यानी की चीते। नेशनल जियोग्राफिक फ़ोटोग्राफ़र संदेश कादुर अपनी एक फिल्म में हमें अपने भारत देश में ले जाते हैं क्योंकि वह हिमालय में जंगली तेंदुओं की खोज करते हैं। वहां रहते हुए उन्हें न केवल नॉर्मल चीते बल्कि घातक जंगली चीते भी मिलते हैं। चीतों पर बेस्ड ये डॉक्यूमेंट्री 'इंडियाज वाइल्ड लेपर्ड्स' बहुत कुछ दिखाती है।
44 मिनट की डॉक्यूमेंट्री
इस बहुत ही छोटी डॉक्यूमेंट्री में आप वास्तव में अपने देश के जीवों के लिए कादुर के जुनून को देख सकते हैं। यह केवल 44 मिनट लंबा है, लेकिन यह सबसे अधिक जानकारी से भरा हुआ, नॉलेजेबल और मनोरंजक भी है। यह एक नेशनल ज्योग्राफिक डॉक्यूमेंट्री है, जिसे बच्चों के साथ पूरा परिवार एकसाथ बैठकर देख सकता है। नेशनल ज्योग्राफिक पर यह डॉक्यूमेंट्री न केवल कई सारी बातों को बताती है बल्कि इसे अच्छी तरह समझाती भी है।
'इंडियाज वाइल्ड लेपर्ड्स' के बारे में
इस डॉक्यूमेंट्री में कई चीजें काफी इंट्रेस्टिंग भी हैं। जिन लोगों को बाघ या चीते बेहद पसंद हैं, उनके लिए ये परफेक्ट है। डिज़्नी+हॉटस्टार पर इन बड़ी बिल्लियों को देखकर आपको गजब का आनंद आएगा। पहले यह 'अफ्रीकन कैट्स' डॉक्यूमेंट्री थी, अब 'इंडियाज वाइल्ड लेपर्ड्स' हो गई है।
Neha Dani
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