एसएस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' और आलिया भट्ट स्टरर 'गंगूबाई काठियावाड़ी' की सफलता तो आपने देखी ही है, लेकिन इन फिल्मों का निर्माण करने वाले जयंतीलाल गडा के बारे में आप शायद ही जानते होंगे। बड़े बजट की फिल्में बनाने वाले जयंतीलाल अपने शुरुआती दिनों में शादियों में फोटो खींचा करते थे। यहीं नहीं इसके बाद उन्होंने फिल्मों की कैसेट बेचना शुरू किया। आज पेन मूवीज और रेन मरुधर एंटरटेनमेंट के मुखिया जयंतीलाल गडा अपना जन्मदिन मना रहे हैं, तो इस मौके पर हम आपको जयंतीलाल के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं।
जयंतीलाल का जन्म 31 मार्च 1962 को गुजरात के गांव लकडिया में हुआ था। उनके पिता घाटकोपर में किराना स्टोर चलाते थे। उन्होंने दसवीं कक्षा तक गुजराती माध्यम के स्कूल में पढ़ाई की, जिसके बाद एक दुकान पर बैठने लगे। इसके दो साल बाद उन्होंने वीडियो लाइब्रेरी शुरू की। उस समय, एक वीडियो कैसेट 10 रुपये में किराए पर लिया जाता था, जो उनके लिए बहुत बड़ी रकम थी।
उन्हें मालूम था कि एक दिन वह कुछ बड़ा जरूर करेंगे इसलिए उन्होंने धीरूभाई शाह की मदद से कॉपीराइट के बारे में जाना और अपनी वीडियो को क्रेडिट देने लगे। इसके बाद कुछ ऐसे हालात पैदा हुए कि वह दिवालिया हो गए। इसके बाद उन्होंने खुद वीडियो के लिए कॉपीराइट लेना शुरू कर दिया। एस्क्वायर वीडियो से हीरा सेठ ने उन्हें पूरे भारत के अधिकार खरीदने में मदद की।
उन्होंने डीडी से तीन घंटे के स्लॉट खरीदे और 'शोले' को टीवी पर दिखाया। हालांकि इसके लिए उन्हें रमेश सिप्पी को मनाना पड़ा और काफी मशक्कत भी करनी पड़ी, लेकिन वह सफल रहे। 'शोले' के जरिए उन्होंने पैसा और नाम दोनों कमाए। जयंतीलाल गडा ने ही दक्षिण भारतीय फिल्मों को हिंदी में डब करके सिनेमाघरों में रिलीज करने का चलन शुरू किया था।