कैफी आजमी उर्दू के जाने माने शायर और बॉलीवुड के बड़े लिरिसिस्ट रहे हैं. कैफी आज़मी का असली नाम अख्तर हुसैन रिजवी था. उनकी पैदाइश उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में 14 जनवरी 1919 को हुई थी. उन्हें गांव से शेर व शायरी पढ़ने का शौक लगा. भाइयों ने साथ दिया तो उन्होंने खुद लिखना शुरू किया. 11 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली गज़ल लिखी. इसके बाद मुशायरे में शामिल होने लगे. साल 1936 में साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित हुए और मेम्बरशिप ले ली.
कैफी की मई 1947 में शौकत से शादी हुई. शौकत ने कैफी का बहुत साथ दिया. अदाकारा शबाना आजमी कैफी आजमी की बेटी हैं. कैफी आजमी ने कई फिल्मों में गीत लिखे. उन्होंने 'मिलो न तुम तो हम घबराएं', 'ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं' जैसे शानदार गाने लिखे. उन्होंने ‘काग़ज़ के फूल’, ‘गर्म हवा’, ‘हक़ीक़त’, ‘हीर राँझा’ जैसी कई फिल्मों के लिए काम किया. फ़िल्मी दुनिया में कैफ़ी को बहुत से सम्मानों से भी नवाज़ा गया. उनकी रचनाओं में आवारा सज़दे, इंकार, आख़िरे-शब आदि प्रमुख हैं. 10 मई 2002 को वह इस दुनिया को अलविदा कह गए, आईये पढ़ते इनके कुछ मशहूर शेर ....