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Happy Raksha Bandhan 2022: फरीदा जलाल और अरुणा ईरानी समेत, बॉलीवुड की इन 5 एक्ट्रेसेस को बहन भी भूमिकाओं से मिली पहचान

Neha Dani
11 Aug 2022 4:36 AM GMT
Happy Raksha Bandhan 2022: फरीदा जलाल और अरुणा ईरानी समेत, बॉलीवुड की इन 5 एक्ट्रेसेस को बहन भी भूमिकाओं से मिली पहचान
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खुद्दार (1982) और राज में धर्मेंद्र की बहन की भूमिका निभाई।

एक अभिनेता अपने किरदार को जीवन देता है। हर अभिनेता की ख्वाहिश यहीं होती है कि वो पर्दे पर बहुमुखी भूमिकाएं निभाए। पर ज्यादातर एक्टर्स की ये ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाती और वो ताउम्र एक जैसी भूमिका करते रह जाते हैं और उसी से पहचाने भी जाते हैं। बॉलीवुड के कई ऐसे अभिनेता हुए हैं, जिन्होंने किसी किरदार को इतने जोश के साथ निभाया कि उनके लिए उस छवि से निकलना मुश्किल हो गया। फिल्म इंडस्ट्री में टाइपकास्ट होना आम है, कुछ उदाहरण हैं जैसे बाबूजी के रूप में आलोक नाथ, मां के रूप में निरूपा रॉय, अत्याचारी सास के रूप में ललिता पवार, आदि।


इसी तरह, बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियां अपनी अधिकांश फिल्मों में स्क्रीन पर बहन की भूमिकाएं निभाने के लिए जानी जाती हैं। भाई-बहन के प्यार पर हमेशा से फिल्में बनती रही हैं। 70 और 80 के दशक में ज्यादातर फिल्मों में हीरो के ऊपर बहन और विधवा मां की जिम्मेदारी होती थी। हीरो जी जान लगा देता था अपनी बहन को खुशियां देने के लिए। तो चलिए हम बताते हैं आपको बॉलीवुड की उन पांच एक्ट्रेस के बारे में जिन्होंने रोल तो कई निभाए पर बहन के किरदार ने उन्हें असली पहचान दिलाई...

नंदा

अभिनेता-निर्देशक मास्टर विनायक की बेटी नंदा की गिनती 1960 के दशक की प्रमुख अभिनेत्रियों में होती है। उन्होंने 9 साल की छोटी उम्र में बॉलीवुड में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की और एक बाल कलाकार के रूप में कई फिल्मों में नजर आईं। उन्हें वी. शांताराम की की फिल्म तूफान और दीया (1956) से बड़ा ब्रेक मिला, जिसकी कहानी एक अनाथ भाई और बहन के बारे में थी। ये फिल्म हिट थी और नंदा की सफलता की शुरुआत भी। इसके बाद उन्हें भाभी (1957), छोटी बहन (1959), काला बाजार (1960), कानून (1960), आज और कल (1963), बेटी (1969), बड़ी दीदी (1969) जैसी फिल्मों में बहन की भूमिका निभाने के लिए याद किया जाता है।

फरीदा जलाल

फरीदा जलाल ने फिल्मफेयर की टैलेंट हंट प्रतियोगिता जीतने के बाद बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई। ये फिल्मों में अक्सर बहन के किरदार में नजर आती थीं। दिलीप कुमार, संजीव कुमार, राजेश खन्ना, फिरोज खान, अमिताभ बच्चन, जितेंद्र आदि जैसे सुपरस्टारों की ऑनस्क्रीन बहन की भूमिका में दिखाई दी। एक बार फिल्म फेयर के साथ इंटरव्यू में, उनसे एक नायक की बहन के रूप में टाइपकास्ट होने के बारे में पूछा गया था, इसके जवाब में उन्होंने कहा, "मैं एक नायिका क्यों बनना चाहूंगी, जब मुझे बहन के रूप में मजबूत रोल मिल रहे थे?" उनकी बहन की भूमिका वाली फिल्मों में गोपी (1970), पारस (1971), मजबूर (1974), धर्मात्मा (1975), उल्झान (1975), बंडल बाज़ (1976), कसम खून की (1977) और ढ़ोंगी (1979) शामिल हैं।

अरुणा ईरानी

सिनेमा के पर्दे पर अरुणा ईरानी को अक्सर ही सहायक भूमिकाओं या चरित्र भूमिकाओं में दिखाया गया है। इनके हिस्से भी ज्यादातर बहन के किरदार ही आए। लोग इन्हें या तो आइटम सॉन्ग या बहन के रोल के लिए पहचानते हैं। इनकी फिल्मों में अनपढ़ (1962), नया जमाना (1971), लाखो में एक (1971), चरस (1976), कुर्बानी (1980), वक्त के शहजादे (1982), इंसाफ मैं करूंगा (1985) शामिल हैं।

नाजिमा

नाजिमा ने बॉलीवुड में बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत बिराज बाजू (1954) से की थी। एक एक्ट्रेस के रूप में, उन्होंने एक स्टंट फिल्म 'राजकुमारी साबा' (1958) के साथ बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की। नाजिमा अक्सर सहायक भूमिका में नजर आईं। उन्होंंने बॉलीवुड की रेसिडेंट सिस्टर के रूप में भी जाना जाने लगा। उनकी बहन की भूमिका वाली फिल्मों में जिद्दी (1964), गजल (1964), आरजू (1965), औरत (1967), राजा और रंक (1968), मेरे भैया ( 1972), आदि शामिल हैं।

मधु मालिनी

मधु मालिनी 1970 और 1980 के दशक की अभिनेत्रियों में से एक थीं। बहुत से लोग आज उन्हें पहचान ना पाएं, क्योंकि वह धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार और मिथुन चक्रवर्ती जैसे सुपरस्टार की फिल्मों में छोटी भूमिकाओं में दिखाई दीं। बाकी एक्ट्रेसेस की तरह इन्हें भी बॉलीवुड फिल्मों में बहन के किरदार निभा कर पहचान मिली। उन्होंने प्रतिज्ञा (1975), अमिताभ बच्चन की बहन मुकद्दर का सिकंदर (1978), लावारिस (1981), खुद्दार (1982) और राज में धर्मेंद्र की बहन की भूमिका निभाई।

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