जब सोनू सूद मुंबई पहुंचे तो उनके पास केवल साढ़े पांच हजार रुपये थे। एक दिन वह फिल्म सिटी पहुंचे उन्हें लगा कि शायद कोई निर्माता-निर्देशक उन्हें देख ले और अपनी फिल्मों में ले ले। हालांकि ऐसा कभी नहीं हुआ।
स्ट्रगल के दिनों में वह लोकल ट्रेन से सफर करते थे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उस वक्त लिए गए टिकट की तस्वीर भी पोस्ट की थी। मुंबई में वह एक कमरे में तीन-चार लोगों के साथ रहते थे और जैसे-तैसे गुजारा हो रहा था।
सोनू को दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में पहला ब्रेक मिला। 1999 में उनकी पहली फिल्म तेलुगू में कल्लाजगार थी। बॉलीवुड में उन्हें साल 2001 में शहीद-ए-आजम में मौका मिला। इसमें उन्होंने भगत सिंह का किरदार निभाया था
सोनू सूद ज्यादातर फिल्मों में विलेन बने नजर आए हालांकि कोरोना काल ने उनकी इमेज पूरी तरह बदल दी और वह असल जिंदगी के हीरो कहलाने लगे। उन्होंने प्रवासी मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को उनके घर तक पहुंचाया। यही नहीं उनके लिए नौकरी तक की व्यवस्था की। किसी के लिए वह ऑक्सीजन का इंतजाम करते देखे गए तो किसी के लिए दवाइयों का प्रबंध किया
सोनू सूद ने अपनी गर्लफ्रेंड सोनाली से शादी की है। दोनों की मुलाकात नागपुर में हुई थी। साल 1996 में दोनों शादी के बंधन में बंधे। उनके दो बच्चे हैं।