मनोरंजन

गौरव अमलानी ने 'पुण्यश्लोक अहिल्याबाई' में योद्धा के रोल के लिए की खास तैयारी

Gulabi
8 Feb 2022 5:18 PM GMT
गौरव अमलानी ने पुण्यश्लोक अहिल्याबाई में योद्धा के रोल के लिए की खास तैयारी
x
पुण्यश्लोक अहिल्याबाई’ में योद्धा के रोल के लिए की खास तैयारी
एक एक्टर के लिए निभा रहे किसी किरदार के परफॉर्मेंस के साथ उस किरदार के लिए शारीरिक तौर से तैयारी भी उतनी ही जरूरी होती है. खासकर तब, जब किसी किरदार का शारीरिक हुलिया, भाषा उस एक्टर व्यक्तित्व से बिल्कुल ही अलग हो. एक किरदार को उसकी पूरी बारीकियों के साथ निभाना हर एक्टर के लिए चैलेंजिंग होता है. खासकर जब बात टीवी के छोटे पर्दे पर निभाने वाले ऐतिहासिक किरदारों की हो. सोनी टीवी (Sony Tv) की सीरियल पुण्यश्लोक अहिल्याबाई (Punyashlok Ahilyabai) रानी अहिल्याबाई होल्कर और उनके पति खंडेराव होल्कर (Khanderao Holkar) के उल्लेखनीय जीवन की कहानी है.
पुण्यश्लोक अहिल्याबाई सीरियल एक ऐसी महिला की ताकत और हिम्मत को दर्शाती है, जिसने 18वीं शताब्दी की सभी सामाजिक कुरीतियों को पार किया और एक ऐसा नाम बनीं, जिन्होंने न सिर्फ एक इतिहास रचा बल्कि बहुतों को प्रेरित भी किया. अहिल्याबाई की तरह उनके पति खंडेराव का किरदार निभाना भी काफी चैलेंजिंग हैं. यह किरदार एक्टर गौरव अमलानी निभा रहे हैं. इस किरदार के लिए उन्होंने काफी मेहनत भी की हैं.
गौरव ने किरदार के लिए किया खुद में बदलाव
गौरव अमलानी का मानना है कि किसी भी किरदार को निभाने के लिए ये जरूरी है कि आप खुद को पूरी तरह से कैसे दर्शाते हैं. वो अपने किरदार की शारीरिक खूबियों पर ध्यान केंद्रित रखते हैं जैसे खंडेराव कैसे चलते हैं, खड़े होते हैं और किस तरह अपने व्यक्तित्व को दर्शाते हैं. अपना अनुभव साझा करते हुए गौरव अमलानी ने कहा,"ऐतिहासिक किरदार निभाते समय, यह ध्यान रखना जरूरी है कि हम अपने शारीरिक परिवर्तन को ज्यादा से ज्यादा महत्व दें."
जानिए क्या हैं गौरव अमलानी का कहना
आगे गौरव अमलानी आगे कहते हैं कि जब दर्शक न सिर्फ किरदार के आंतरिक सफर से जुड़ते हैं बल्कि उसके शारीरिक रूप को भी स्वीकार करते हैं, तो उस किरदार के साथ दर्शकों का एक खास रिश्ता बन जाता है. एक योद्धा राजकुमार, खास तौर पर खंडेराव जैसे कुशल व्यक्ति की भूमिका निभाने के लिए मैं एक स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करता हूं और एक पर्सनल ट्रेनर के साथ सप्ताह में कम से कम चार बार एक्सरसाइज करता हूं. यह सेट पर हर दूसरे दिन होने वाली तलवारबाजी और स्टंट वर्कशॉप्स के अलावा होता है. जहां ये एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है, वहीं जब लोग तारीफ करते हैं तो यह देखकर खुशी होती हैं."
Next Story