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'हिंदी मीडियम' से 'चुपके- चुपके' तक, इन बॉलीवुड फिल्मों ने बताया मातृभाषा का महत्व

Shiddhant Shriwas
14 Sep 2021 5:52 AM GMT
हिंदी मीडियम से चुपके- चुपके तक, इन बॉलीवुड फिल्मों ने बताया मातृभाषा का महत्व
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हिंदी फिल्म इंडस्ट्री अपनी फिल्मों की वजह से दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुकी है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री अपनी फिल्मों की वजह से दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुकी है। बेशक भाषा अलग हो, लेकिन इसके बावजूद लोगों की दिलचस्पी भारतीय फिल्मों की तरफ बढ़ने लगी है। हिंदी साहित्य की ही देन है कि कई फिल्में मील का पत्थर साबित हुई हैं। लेकिन हाल के सालों में हिंदी से साथ साथ अंग्रेजी भाषा को भी फिल्मों में बढ़ चढ़कर इस्तेमाल किया जाने लगा है। लेकिन इन फिल्मों के बीच कुछ ऐसी बॉलीवुड फिल्में भी बनी जिन्होंने दुनिया को हिंदी भाषा का महत्व समझाया है। इतना ही नहीं दर्शकों ने भी अपनी भाषा को मिलते महत्व की वजह से इन फिल्मों को सुपरहिट बनाया है। चलिए जानते हैं ऐसी ही बॉलीवुड फिल्मों के बारे में जिसने देसी ही नहीं बल्कि विदेशी लोगों को भी हिंदी का पाठ पढ़ाया है।

हिंदी मीडियम

साल 2017 में आई फिल्म हिंदी मीडियम ने देश की सबसे बड़ी सच्चाई को सामने रखा। फिल्म में दिखाया गया कि कोई भी माता पिता अपने बच्चे को हिंदी मीडियम स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहता है और अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ाई उनके लिए कितनी जरुरी है। इस फिल्म में इरफान खान और सबा कमर मुख्य भूमिका में थे।

इंग्लिश विंग्लिश

साल 2012 में आई इस फिल्म में हर भारतीय नारी खुद को देख पा रही थी। ये फिल्म शशी नाम की महिला पर आधारित थी जो अंग्रेजी भाषा को नहीं बोल पाती, जिसकी वजह से उनके अपने ही उसकी इज्जत नहीं करते। फिल्म में शशी का किरदार श्रीदेवी ने निभाया था।

नमस्ते लंदन

साल 2007 में आई नमस्ते लंदन फिल्म ने लोगों के अंदर सोई हुई हिंदी और अपने देश के प्रति सम्मान को जगाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के डायलॉग्स इतने वायरल हुए थे कि लोगों की जबान पर चढ़ गए थे। खासतौर पर भारत की सभ्यता को समझाते हुए अक्षय कुमार के डायलॉग बेहद पसंद किया गया था। फिल्म के इस डायलॉग का जादू ऐसा चला था कि सिनेमाघरों में लोग तालियां बजाते नजर आ रहे थे। इस फिल्म में अक्षय कुमार और कटरीना कैफ मुख्य भूमिका में थे।

गोलमाल

साल 1979 में आई अमोल पालेकर की फिल्म 'गोलमाल' शायद ही कोई अपने दिमाग से निकाल सकता है। इस फिल्म में बड़े ही रोचक ढंग से हिंदी के महत्व को समझाया गया है। फिल्म में अमोल पालेकर साथ उत्पल दत्त,ओम प्रकाश, युनुस परवेज, अमिताभ बच्चन बिन्दिया गोस्वामी और दीना पाठक अहम किरदार में थे।

चुपके चुपके

साल 1975 में आई कॉमेडी फिल्म 'चुपके चुपके' हिन्दी भाषा के इर्द-गिर्द घूमती है। इस फिल्म में धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, शर्मिला टैगोर, जया बच्चन और ओम प्रकाश जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में थे।

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