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प्रसिद्ध लोकगायिका कोकिला शारदा सिन्हा को पिछले 4 महीनों से नहीं मिली पेंशन

Nilmani Pal
31 Jan 2022 3:33 AM GMT
प्रसिद्ध लोकगायिका कोकिला शारदा सिन्हा को पिछले 4 महीनों से नहीं मिली पेंशन
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बिहार (Bihar) में पद्म सम्मान से सम्मानित प्रसिद्ध लोकगायिका कोकिला शारदा सिन्हा को पिछले 4 महीनों से पेंशन नहीं मिली है. वहीं, इसकी वजह से बहुत से रिटायर्ड कर्मियों के घर पर भुखमरी जैसे हालात हो गए हैं. ऐसे में ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी की रिटायर्ड शिक्षिका रहीं शारदा सिन्हा को पिछले 4 महीनों से पेंशन नहीं दे पाने पर यूनिवर्सिटी ने अब शर्मिंदगी व्यक्त की है. हालांकि यूनिवर्सिटी ने पेंशन बकाए के मामले से खुद का पल्ला झाड़ते हुए ठीकरा बिहार सरकार (Bihar Government) पर फोड़ दिया है. ऐसे में शारदा सिन्हा ने जब फेसबुक पर अपना दर्द बयां किया तो उनकी पोस्ट राज्य भर में सुर्खियों में आ गई

दरअसल, बीते 3 दिन पहले शारदा सिन्हा ने बकाए पेंशन की राशि की वजह से बेहतर इलाज के अभाव में अपनी एक सहेली और मिथिला यूनिवर्सिटी से रिटायर्ड शिक्षिका डॉ. ईशा सिन्हा की मौत की चर्चा फेसबुक पर साझा की थी, जिसके वायरल होने पर यह मामला प्रदेशभर की सुर्खियों में आ गया था. इस दौरान उन्होंने अपनी खुद की पेंशन भी बकाया होने की बात कही थी. जिसके बाद ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी ने कहा है कि प्रदेश सरकार से पैसे का एलॉटमेंट नहीं मिला है. इसलिए यूनिवर्सिटी के लगभग 4 हज़ार पेंशनरों की 3 महीने की पेंशन बकाया है. ऐसे में कई महीनों से पेंशन बकाया रहने की वजह से यूनिवर्सिटी के रिटायर कर्मियों के घर भुखमरी जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं.

बता दें कि ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से साल 2012 में रिटायर कर्मी देव शंकर झा ने कहा कि वे बहुत बुरी स्थिति में जी रहे हैं. ऐसे में यूनिवर्सिटी में 4-5 महीने पर पेंशन का भुगतान होता है। ऐसी स्थिति में एक रिटायर्ड बुजुर्ग आदमी और उसके परिवार की दुर्दशा खराब होती है. इस दौरान न ही समय पर दवाएं और राशन का इंतजाम नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी पेंशनर का बेटा घर का खर्च चलाने वाला न हो तो भूखों मर जाए. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के अधिकारियों और सरकार को बेबस लाचार पेंशनरों पर दया तक नहीं आती है.कोई कैसे जिएगा यह समझ में नहीं आता है.


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