रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाओं पर बनी मशहूर फिल्में, जिन्हें देख दर्शकों के छलके आंसू
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महान संगीतकार, चित्रकार, लेखक, कवि और विचारक गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore Death Anniversary) की आज पुन्यतिथि है. गुरुदेव पहले ऐसे एशियाई व्यक्ति थे जिन्हें साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनके साहित्य को आज भी पढ़ा जाता है. गुरुदेव रवींद्रनाथ का जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता में हुआ था, उनका निधन भी कोलकाता में ही 7 अगस्त 1941 को हुआ. गुरुदेव रवींद्रनाथ ने अपनी जीवन यात्रा में साहित्य, संगीत को इस तरह से अपने अंदर बसाया जो आज भी दुनिया में मशहूर है. आज हम उनकी कृतियों के बारे में बात करेंगे जिनपर कुछ फिल्मकारों ने फिल्में भी बनाईं.
सन 1946 में मशहूर निर्दशक नितिन बोस की फिल्म मिलन को रवीन्द्र नाथ टैगोर की उपन्यास नौका डूबी की कहानी पर बनाया गया था. ये दिलीप कुमार के जीवन की सबसे पहली हिट फिल्म थी.
गुरुदेव रवींद्रनाथ की रचनाओं में उनकी सबसे मशहूर रचना काबुलीवाला थी. उनकी इस रचना पर बिमलरॉय ने 1961 में फिल्म बनाई थी काबुलीवाला. आज भी ये फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आती है.
गुरुदेव रवींद्रनाथ की रचना में एक रचना समाप्ति भी थी. जहां इस कहानी पर रॉय सुधेंदु ने 1971 अपनी फिल्म उपहार बनाई. दर्शकों ये फिल्म खूब पसंद आई थी.
रवींद्रनाथ के उपन्यास 'चार अध्याय' पर 1997 में फिल्म चार अध्याय बन चुकी है. इस काहानी में हमें ब्रिटिश राज के खिलाफ हो रहे विद्रोह की बातें पता चलती हैं.