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देश की गंभीर मानवीय स्थिति को दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है।
अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में हुए विस्फोट (Explosions in Helmand province) हो गया। इस विस्फोट में तीन बच्चों की मौत (three children killed) हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। इस बात की जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता अहमद जान (Provincial Police Spokesperson Ahmed Jan) ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ के हवाले से बताया कि घटना शनिवार दोपहर हिवाद बाजार इलाके में हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरने वाले सभी छात्र थे।
पश्चिमी हेरात प्रांत (western Herat province) में शुक्रवार को हुए भीषण विस्फोट में एक नामी मौलवी समेत 20 लोगों की मौत हो गई।
खामा प्रेस ने तालिबान द्वारा चलाए जा रहे अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि हेरात शहर में गुजरगाह मस्जिद पर दोपहर करीब 12:40 बजे (स्थानीय समयानुसार) बमबारी की गई।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि नमाज का नेतृत्व करने वाले मौलवी मुजीब रहमान अंसारी की मौत "धर्म के दुश्मनों" द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले के रूप में की गई थी।
गौरतलब है कि पिछले महीने, राजधानी काबुल में कई विस्फोट (explosions in the capital Kabul) हुए थे, जिनमें दर्जनों निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के एक साल के बाद लगातार इस तरह के विस्फोट हुए हैं। अधिकार समूहों ने कहा कि तालिबान ने मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने के लिए अपने कई वादों को तोड़ा है।
पिछले साल अगस्त में काबुल पर कब्जा (capture of kabul) करने के बाद, इस्लामी अधिकारियों ने महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों पर गंभीर प्रतिबंध लगा दिए गए। लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया, प्रताड़ित किया गया और आलोचकों और कथित विरोधियों को मार डाला।
अधिकार समूहों का कहना है कि तालिबान के मानवाधिकारों के हनन की व्यापक निंदा हुई है औरदेश की गंभीर मानवीय स्थिति को दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है।
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