एक सोशल मीडिया के मैसेज में कहा जाता है कि पीरियड के दौरान महिलाओं की एंटीबॉडीज यानी प्रतिरोधक क्षमता काफी कम रहती है. इसके पीछे ये तर्क दिया जा रहा है कि वैक्सीन की पहली डोज से प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. लेकिन, वैक्सीनेशन के बाद फिर धीरे-धीरे बढ़ती है. इसलिए अगर आप पीरियड के दौरान वैक्सीन लेंगे तो संक्रमण का ख़तरा अधिक होगा. जानिए इस बारे में एक्सपर्ट डॉक्टर क्या कहते हैं.
सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज आगरा में स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ प्रो. डॉ. निधि गुप्ता कहती हैं कि यह सिर्फ एक मिथ है. महिलाओं में मासिक चक्र एक सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया है. इस दौरान किसी भी तरह इम्यूनिटी कम नहीं होती, ऐसी कोई भी स्टडी अभी तक सामने नहीं आई है. इसलिए किसी को इस मिथक के बारे में गंभीर नहीं होना चाहिए. डॉ निधि कहती हैं कि महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान वैक्सीन लेने से बचना चाहिए क्योंकि अभी तक भारत सरकार की इसे लेकर कोई गाइडलाइन नहीं आई हैं. वहीं लैक्टेटिंग मदर यानी स्तनपान कराने वाली महिलाएं या पीरियड से गुजर रही महिलाएं कभी भी वैक्सीन ले सकती हैं. अगर आपका वैक्सीन का स्लॉट आ जाए तो उसे पीरियड के आधार पर मना न करें.
इस मिथक को लेकर सरकार ने भी स्पष्टीकरण जारी कर दिया है. पीआईबी ने इस बारे में एक बयान जारी करके कहा कि जिन सोशल मीडिया संदेशों में ये कहा जा रहा है कि लड़कियों और महिलाओं को पीरियड के पांच दिन पहले और पांच दिन बाद वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए, पीआईबी ने कहा कि वो फेक है. इस अफवाह पर विश्वास न करें. ऐसा भी कहा जा रहा है कि कई महिलाओं में कोरोना संक्रमण के बाद पीरियड्स की डेट्स में बदलाव आ रहे हैं. लेकिन, डॉक्टरों का कहना है कि अभी तक इसे लेकर कोई भी स्टडी सामने नहीं आई है. इसके अलावा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कोरोना संक्रमण के बाद कम हो जाती है. कुछ लोगों को फेफड़ों से जुड़ी दिक्कतें भी होती हैं. कोविड-19 से प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए ऐसी संभावना जरूर जताई जा रही है कि प्रजनन प्रणाली पर असर पड़े.
महिलाएं इन बातों का ध्यान रखें-
खाने में पौष्टिक चीजें खाएं और रूटीन व्यायाम जरूर करें
कोरोना की बीमारी से उबरने के बाद शरीर को पर्याप्त आराम दें.
इसके अलावा पर्याप्त नींद और खूब सारा पानी पिएं.
अगर प्रेग्नेंसी से गुजर रही हैं तो घर में खुद को आइसोलेट रखें.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के ताजा हालात बताते हुए संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि राज्यवार एक्टिव मामले घट रहे हैं. 26 राज्यों में 15% पॉजिटिविटी रेट है, वहीं छह राज्य में 5 से 15 % केस हैं. मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, तेलंगाना, चंडीगढ़, लद्दाख, दमन और दीव, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार में प्रतिदिन नए कोविड 19 मामलों में निरंतर कमी आ रही है. वहीं महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, बिहार और गुजरात में भी प्रतिदिन नए COVID19 मामलों में निरंतर कमी आ रही है. एक मई से देश में देश भर में दूसरे चरण का वैक्सीनेशन जारी है, लेकिन अभी इसमें गर्भवती महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है.