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Mumbai.मुंबई: एक हॉरर फिल्म बनाने के लिए जरूरी है कि उसमें अच्छा आइडिया, कहानी, दृश्य, संगीत और अभिनय हो, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है डर पैदा करने वाली कहानी। ऐसा नहीं कि कुछ दृश्य बस डराएं और फिर वह डर खत्म हो जाए, बल्कि पूरी कहानी ही डर के इर्द-गिर्द घूमनी चाहिए। A Wedding Story यही करती है। यह फिल्म अपने डरावने पहलुओं के कारण ऑडिएंस को आखिरी तक बांधे रखती है, क्योंकि इसकी कहानी का आधार है 'मृत्यु' - वह भी गलत समय पर। इसे पंचक काल कहा जाता है। फिल्म में इस काल के भय को अच्छे से दिखाया गया है।
गरूड़ पुराण में वर्णित पंचक काल के प्रकोप पर आधारित
पंचक काल की मान्यता हमारे देश में हजारों सालों से है। इसका जिक्र पुराणों, खासकर गरुड़ पुराण में मिलता है, जिसमें मृत्यु के बाद शांति के लिए इसका पाठ किया जाता है। हालांकि, पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव से इस मान्यता पर असर हुआ है। विज्ञान की प्रगति के साथ प्राकृतिक आपदाओं का डर कम हो गया है। पहले लोग ग्रहण के समय बाहर नहीं निकलते थे, अब लोग उसकी तस्वीरें और वीडियो बनाते हैं।
मगर पंचक का डर आज भी बरकरार है क्योंकि इसे समझा नहीं जा सका। माना जाता है कि जिस चीज को आप नहीं समझते या देख नहीं सकते, वह सबसे ज्यादा डरावनी होती है। A Wedding Story इसी पृष्ठभूमि पर आधारित है, जिसमें पंचक काल के भय को प्रभावी तरीके से दिखाया गया है।
दुनिया भर में है काल की मान्यता
समय या काल की मान्यता सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में है। इसीलिए किसी भी काम से पहले मुहूर्त तय किया जाता है। A Wedding Story भी समय के चक्र और काल चक्र पर आधारित है। यह फिल्म पुराणों में वर्णित काल के भय को जीवंत करती है, जिसे हमारे देश में व्यापक रूप से माना जाता है। फिल्म की शुरुआत एक भयावह मृत्यु से होती है, जो पंचक काल में घटित होती है, और यह इसे और भी डरावना बना देती है।
सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक इसे नई ऊंचाई पर ले जाते हैं
आज के दौर में हॉरर फिल्मों के मायने बदल रहे हैं। अब दर्शक सिर्फ डराने वाले दृश्यों की जगह एक अच्छी कहानी ढूंढते हैं। A Wedding Story इस कसौटी पर पूरी तरह खरा उतरती है। फिल्म के निर्माता ने इसकी पृष्ठभूमि के साथ पूरा न्याय किया है। यह फिल्म समय के फेर और उसके प्रभाव पर आधारित है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक शादी का उत्सव मृत्यु की वजह से मातम में बदल जाता है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक इसे एक नई ऊंचाई पर ले जाते हैं। देहरादून शहर को भी खूबसूरती के साथ डरावना दिखाया गया है, जो दर्शकों को आकर्षित करेगा।
कलाकारों ने किरदारों को जीवंत किया
अभिनय की बात करें तो सभी कलाकारों ने शानदार काम किया है। उन्होंने अपने किरदारों को जीवंत कर दिया है, और दर्शकों का ध्यान कहानी से भटकने नहीं देते। हर पल ऐसा लगता है कि कुछ भयानक होने वाला है, जिससे डर का माहौल बना रहता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉरर फिल्मों में नए प्रयोग हो रहे हैं, जैसे Talk To Me और Get Out। भारत में पहली बार किसी ने इस तरह की हॉरर फिल्म बनाने की कोशिश की है। A Wedding Story एक एटमॉस्फेरिक हॉरर फिल्म है, जिसमें पूरे समय डर का माहौल बनाए रखना एक चुनौती थी, और मेकर्स ने इस चुनौती को बेहतरीन तरीके से निभाया है।
क्यों हो रही फिल्म की तारीफ?
विशेष स्क्रीनिंग और शुरुआती प्रतिक्रियाओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह फिल्म दर्शकों को बांधे रखने में सफल होगी। इसके निर्देशन, लेखन, छायांकन, संगीत और संपादन की तारीफ हो रही है, क्योंकि यह फिल्म सिर्फ भूतिया दृश्यों पर निर्भर नहीं है, बल्कि इसकी कहानी ही डर पैदा करती है। यह सही मायने में एक हॉरर फिल्म है, जो भारतीय सिनेमा में हॉरर की नई परिभाषा गढ़ सकती है।
अलग अनुभव देगी फिल्म
शादी के माहौल को डरावना बनाना आसान नहीं, लेकिन A Wedding Story ने इसे साबित कर दिखाया है। फिल्म की खास बात यह है कि यह पूरी तरह से भारतीय परिवेश और मान्यताओं पर आधारित है। इस हफ्ते यह फिल्म अपने परिवार के साथ देखें, यह आपको एक अलग अनुभव देगी।
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Rajesh
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