मनोरंजन

ट्रोलर्स पर भड़की ईशा गुप्ता, बोली - महिला के कपड़े देखकर रेप के बारे में सोचने लगता है पुरुष

jantaserishta.com
21 Oct 2021 4:39 PM GMT
ट्रोलर्स पर भड़की ईशा गुप्ता, बोली - महिला के कपड़े देखकर रेप के बारे में सोचने लगता है पुरुष
x

बॉलीवुड एक्ट्रेस ईशा गुप्ता अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी ग्लैमरस फोटोज को लेकर ट्रोल होती नजर आती हैं. हाल ही में एक्ट्रेस ने खुद की कुछ न्यूड फोटोज पोस्ट की थीं, जिसमें वह बालकनी में सनबाथ करती नजर आई थीं. हालांकि, इन फोटोज को फ्रंट से नहीं बल्कि बैक से लिया गया था. फोटो में एक्ट्रेस टॉपलेस नजर आ रही थीं. वहीं, उनका चेहरा कैमरे की ओर नहीं था. ईशा गुप्ता की इन फोटोज पर यूजर्स भद्दे कॉमेंट्स करने लगे थे. ईशा गुप्ता ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान इन कॉमेंट्स पर रिएक्ट किया है. ईशा ने कहा, "यह जेंडर बायस है. कितने सारे मेल एक्टर्स खुद की शर्टलेस फोटोज पोस्ट करते हैं. उन्हें क्यों कवरअप करने के लिए नहीं कहा जाता? लोग उन्हें देखते हैं और चले जाते हैं, वाह भाई क्या बॉडी है?" इसके साथ ही ईशा गुप्ता ने उन चीजों पर भी बात की जब लोग महिलाओं को दोषा बताते हैं, रेप जैसी चीजों को बढ़ावा देने के लिए.

ईशा ने कहा कि यह मानसिक सोच है, जिसे हमें दोष देना चाहिए. एक महिला के कपड़े देखकर पुरुष रेप के बारे में सोचने लगता है, यह परेशानी है. कुछ सालों पहले भी ईशा गुप्ता ट्रोल्स के निशाने पर रही हैं. उसके बाद से एक्ट्रेस ने इनका सामना करना सीख लिया है. ईशा का कहना है कि अब वह पूरी तरह से अंधी हो चुकी हैं और वह इन कॉमेंट्स को किसी भी तरह से प्रमोट नहीं करतीं. ईशा आगे कहती हैं कि मैं उस मुकाम पर पहुंच गई हूं, जहां मैं ऐसे कॉमेंट्स को इग्नोर कर देती हूं. लोग आप पर ऊंगली उठाएंगे, फिर आप चाहे कुछ भी कर लो. मुझे याद है जब मैंने साड़ी में फोटो डाली थी तो लोगों ने कहा था कि आज पूरे कपड़ों में फोटो डाला है. जब मेकअप के साथ डाली तो मुझे 'प्लास्टिक ब्यूटी' बुलाया गया. जब बिना मेकअप के डाली तो लोगों ने मुझे गंदा बताया और कहा कि मुझे मेकअप लगाना चाहिए. कई लोग सोसायटी में ऐसे हैं जो लड़की को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहते हैं. वह केवल क्यूट लड़कियां पसंद करते हैं. लोग जानते हैं कि अगर वे आकर मुझे एक थप्पड़ मारेंगे तो मैं उन्हें दो मारूंगी. यह केवल हमारे देश तक ही सीमित नहीं है, पूरी दुनिया में ऐसे लोग हैं. जो सेक्सिज्म और जेंडर में भेदभाव करते हैं. उम्मीद करती हूं कि हम अपनी सोच में थोड़े आगे बढ़ें.


Next Story