मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी लेटेस्ट फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' से सुर्खियों में हैं। फिल्म को लेकर पॉजिटिव रिस्पॉन्स सुनने को मिल रहा है। फिल्म के प्रमोशन के दौरान मनोज से उनके नेटवर्थ पर सवाल किया गया। मनोज से कहा गया कि गूगल के मुताबिक, उनका नेटवर्थ 170 करोड़ रुपए है।
इस पर मनोज ने कहा कि उन्होंने अपने करियर में जैसी फिल्में की है, क्या उन फिल्मों से इतने पैसे कमाए जा सकते हैं। मनोज ने कहा कि उनके पास इतने पैसे तो नहीं हैं, लेकिन इतना जरूर है कि भविष्य में कभी किसी चीज की कमी नहीं होगी।
अलीगढ़ जैसी फिल्में कर इतने पैसे नहीं कमाए जा सकते- मनोज
मनोज ने नेटवर्थ के सवाल पर आज तक के साथ बात करते हुए कहा, ' बाप रे बाप, अलीगढ़ और गली गुलियां करके इतने पैसे कमाए जा सकते हैं? बिल्कुल नहीं..हां इतना जरूर है कि भगवान की दया से मेरा और मेरी पत्नी का बुढ़ापा आराम से गुजर जाएगा। इतना तो है कि इससे मेरी बेटी का भी फ्यूचर सेट हो जाएगा।'
फिल्म अलीगढ़ में मनोज एक होमोसेक्सुअल प्रोफेसर की भूमिका में थे।
मुंबई के पॉश इलाके में नहीं रहते मनोज
मनोज से पूछा गया कि बिहार के बेतिया से मुंबई के पॉश इलाके तक का उनका सफर कैसा रहा। जवाब में मनोज ने कहा, 'मैं साउथ मुंबई में नहीं रहता। मेरा घर बांद्रा में नहीं बल्कि अंधेरी के लोखंडवाला में है। मैं हमेशा कहता हूं कि मैं इस फिल्म इंडस्ट्री के बीच का नहीं हूं। मैं हमेशा इसकी बाउंड्री पर खड़ा रहता हूं। ये मेरी चॉइस रही है।'
मनोज यहां बताना चाह रहे हैं कि वे बॉलीवुड की चकाचौंध वाली लाइफ से दूर रहना चाहते हैं। एक्टर होने के बावजूद उन्हें सिंपल लाइफ जीना पसंद है।
अन्य फिल्म स्टार्स की तरह मनोज मुंबई के पॉश इलाके में नहीं रहते।
'गांव का रहने वाला हूं, यहां के लोगों से रिलेट नहीं कर पाता'
मनोज ने कहा, 'मैं रिच लोकेशन पर रहने वाले लोगों के साथ अपने आप को रिलेट नहीं कर पाता। मैं गांव का रहने वाला हूं। वहां पला बढ़ा हूं। इंडस्ट्री वालों की तरह बनने के लिए मुझे काफी हिम्मत की जरूरत है, जो मेरे अंदर नहीं है। अब इतने सालों के बाद मुझे लगता कि मुझे उनके जैसा बनना भी नहीं है।'
शुरुआत में खाने को लाले पड़े थे, 5 KM पैदल चलना पड़ता था
मनोज की ये बातें इसलिए भी सही लगती हैं क्योंकि उन्होंने अपनी लाइफ में काफी स्ट्रगल किया है। शायद वे अपने स्ट्रगल के दिनों को भूल नहीं पाए हैं, इसी वजह से आज भी अपने जड़ों को याद रखते हैं।
मनोज बिहार के एक साधारण परिवार से आते हैं। उन्होंने 17 साल की उम्र में नाटकों में काम करना शुरू कर दिया था। जब वो मुंबई गए तो उन्हें वहां कोई नहीं जानता था। खाने तक के लाले पड़े थे। मनोज की उस वक्त ऐसी कंडीशन थी कि उन्हें बड़ा पाव तक महंगा लगता था। ट्रैवल करने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं रहते थे।