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रहें ना रहें हम, महका करेंगे: चली गईं सबकी लता दीदी, जानिए क्यों भारत के हर मैच में 2 VIP सीट रिजर्व रखता था BCCI?

jantaserishta.com
6 Feb 2022 9:33 AM GMT
रहें ना रहें हम, महका करेंगे: चली गईं सबकी लता दीदी, जानिए क्यों भारत के हर मैच में 2 VIP सीट रिजर्व रखता था BCCI?
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नई दिल्ली: कपिल देव (Kapil Dev) की कप्तानी वाली भारतीय टीम (Indian Cricket Team) ने जब लॉर्ड्स की बालकनी पर विश्व कप थामा था तब बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष और इंदिरा गांधी सरकार के धाकड़ मंत्री एनकेपी साल्वे के सामने सवाल था कि इस जीत का जश्न मनाने के लिये पैसे कहां से आएंगे. उस समय भारतीय क्रिकेट दुनिया की महाशक्ति नहीं बना था और आज के क्रिकेटरों की तरह धनवर्षा भी उस समय क्रिकेटरों पर नहीं होती थी. आज बीसीसीआई के पास पांच अरब डॉलर का टीवी प्रसारण करार है लेकिन तब खिलाड़ियों को बमुश्किल 20 पाउंड दैनिक भत्ता मिलता था. ऐसे समय में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट की मदद की थी.

साल्वे ने समाधान के लिये राजसिंह डूंगरपुर से संपर्क किया. उन्होंने अपनी करीबी दोस्त और क्रिकेट की दीवानी लता मंगेशकर से दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पर एक कन्सर्ट करने का अनुरोध किया. खचाखच भरे स्टेडियम में लताजी ने दो घंटे का कार्यक्रम किया. बीसीसीआई ने उस कन्सर्ट से काफी पैसा एकत्र किया और सभी 14 खिलाड़ियों को एक-एक लाख रुपये दिया गया.
सुनील वाल्सन ने किया याद
1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे सुनील वाल्सन ने पीटीआई से कहा, 'उस समय यह बड़ी रकम थी. वरना हमें दौरे से मिलने वाला पैसा और दैनिक भत्ता बचाकर पैसा जुटाना होता जो 60000 रुपये होता. कुछ लोगों ने हमसे 5000 या 10000 रुपये देने का वादा किया जो काफी अपमानजनक था. लेकिन फिर लता जी कन्सर्ट किया. यह कन्सर्ट कमाल का था और उन्हें लाइव गाते हुए देखना यादगार था.'
लता जी के लिए दो टिकट रहतीं रिजर्व
बीसीसीआई उनके इस योगदान को नहीं भूला और सम्मान के तौर पर भारत के हर स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मैच के दो वीआईपी पास उनके लिये रखे जाते थे. एक बीसीसीआई अधिकारी ने बताया, 'जैसे हमारे पास हर मैच के लिए स्पॉन्सर्स, स्टेट एसोसिएशन के लिए कोटा होता है वैसे ही लताजी के लिए हर मैच में दो टिकट रखी जाती थीं.' मंगेशकर परिवार क्रिकेट का दीवाना था.
स्टेडियम में मैच देखने जाती थीं
मुंबई के एक वरिष्ठ खेल पत्रकार मकरंद वैंगणकर ने बताया कि 60 के दशक में लता मंगेशकर सीसीआई स्टेडियम में नियमित रूप से आती थीं. फिर 70 और 80 के दशक में ऐसा वानखेड़े स्टेडियम में देखा जाता था. उन्होंने कहा, 'लताजी और उनके भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर ब्रेबोर्न स्टेडियम पर हमेशा टेस्ट मैच देखने आते थे. चाहे वह कितनी भी व्यस्त हों, सत्तर के दशक में हर मैच देखने आती थीं.'
लता मंगेशकर मैच देखने के लिए डुंगरपुर और मुंबई के दिग्गज क्रिकेटर और टेस्ट ओपनर रहे माधव मंत्री के साथ बैठा करती थीं. एक पुराना वीडियो भी है जिसमें लता मंगेशकर चेन्नई में भारत-वेस्ट इंडीज का मैच देख रही हैं.

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