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क्या आप जानते हैं कमल ककड़ी? स्वाद के साथ देती है अनेक फायदे

Triveni
28 May 2021 3:23 AM GMT
क्या आप जानते हैं कमल ककड़ी? स्वाद के साथ देती है अनेक फायदे
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कमल (Lotus) का फूल जितना पसंद किया जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कमल (Lotus) का फूल जितना पसंद किया जाता है उतने ही ज्यादा पसंद किये जाते हैं इसके बाकी हिस्से भी. फिर चाहें इसके बीज हों या फिर जड़. इसके बीज मखाने के रूप में जहां स्वाद और सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं तो उसी तरह इसकी जड़ जिसको कमल ककड़ी (Kamal kakdi) के तौर पर जाना जाता है. वो भी स्वाद के साथ सेहत को कई सारे फायदे देती है. कमल ककड़ी में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस, विटामिन सी, प्रोटीन और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. कमल ककड़ी सब्ज़ी और अचार के तौर पर तो स्वाद बढ़ाती ही है सेहत (Health) को कई फायदे भी पहुंचाती है. आइये जानते हैं कमल ककड़ी के फायदों क बारे में.

सूजन कम करने में मददगार
कमल ककड़ी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. इसका सेवन करने से शरीर में आने वाली सूजन को कम करने में मदद मिलती है. कमल ककड़ी के मेथेनॉल अर्क को प्रभावी एंटी इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में जाना जाता है. जो सूजन कम करने में सहायक होते है.
पाचन क्रिया सही रखती है
कमल ककड़ी पाचन क्रिया को सही रहने में मदद करती है. इसमें काफी मात्रा में फाइबर होता है. ये डाइजेशन को सही रखने में मदद करती है साथ ही कब्ज़, अपच और पेट में भारीपन जैसी दिक्कतों से बचाने में मदद करती है.
ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रोल कंट्रोल करती है
कमल ककड़ी ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करती है. इसमें डाइटरी फाइबर होते हैं जो कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करते हैं. तो वहीं इसमें मौजूद इथेनॉल अर्क ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायता करता है
तनाव को कम करने में मदद करती है
कमल ककड़ी तनाव को कम करने में भी सहायता करती है. इसमें अच्छी मात्रा में पायरोडॉक्सीन पाया जाता है जो तनाव को कम करने में मदद करता है.
शरीर को डिटॉक्स करती है
शरीर को डिटॉक्स करने में भी कमल ककड़ी सहायता करती है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो लिवर और किडनी पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं और शरीर को डिटॉक्स करते हैं.
एनीमिया से बचाती है
कमल ककड़ी एनीमिया की दिक्कत को दूर करने में भी मदद करती है. इसके सेवन से शरीर में रेड ब्लड सेल्स बढ़ते हैं जिसके चलते शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होने पाती है.


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