Mumbai मुंबई : मनोरंजन की चकाचौंध भरी दुनिया में अपनी किस्मत चमकाना इतना आसान नहीं है। हालांकि, हर साल कई लोग एक्टर बनने का सपना लेकर मुंबई आते हैं और इसे पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन इंडस्ट्री की शोहरत हर किसी को नहीं मिल पाती। हालांकि, जिनमें जुनून और लगन होती है, वो ये कारनामा करके भी दिखाते हैं। इन दिनों हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री में एक नाम चर्चा में है। उन्होंने अपनी पिछली दो-तीन फिल्मों के जरिए सभी का दिल जीत लिया है। उनका काम ऐसा है कि लोग उन्हें बॉलीवुड की दूसरी आलिया भट्ट कहने लगे हैं। लेकिन ये बाला दूसरी आलिया नहीं बल्कि पहली शरवरी वाघ बनने आई हैं। असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की शुरुआत मुंबई के एक मराठी परिवार में जन्मी शरवरी वाघ इंडस्ट्री की बड़ी एक्ट्रेस बनने का सपना लेकर फिल्मों में आई हैं। राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली शरवरी के नाना मनोहर जोशी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पिता शैलेश मुंबई के बड़े बिल्डर हैं और मां नम्रता आर्किटेक्ट हैं। शरवरी की एक बहन भी हैं, जो अपनी मां की तरह आर्किटेक्ट हैं। इंडस्ट्री में खुद को स्थापित करने के लिए शरवरी ने सबसे पहले बतौर एडी यानी असिस्टेंट डायरेक्टर काम करना शुरू किया। उन्होंने दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह स्टारर 'बाजीराव मस्तानी' और 'सोनू के टीटू की स्वीटी' जैसी सुपरहिट फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर की भूमिका निभाई। शरवरी ने कम समय में ही अपनी पहचान बना ली। 3 फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर का कार्यभार संभालने के बाद शरवरी ने खुद एक्टिंग के क्षेत्र में उतरने का फैसला किया। फिर ऑडिशन देने का सिलसिला शुरू हुआ और साल 2021 में उन्हें पहली फिल्म 'बंटी और बबली 2' मिली। उन्होंने सैफ अली खान और रानी मुखर्जी के साथ स्क्रीन शेयर की। शुरुआत कुछ खास नहीं रही, लेकिन शरवरी को सभी ने नोटिस किया। इस फिल्म के लिए शरवरी को बेस्ट डेब्यू आईफा अवॉर्ड और बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। शरवरी ने 'मुंज्या', 'महाराज' और 'वेदा' जैसी फिल्मों से अपनी अच्छी पहचान बनाई है। दीपिका के लिए खोले दरवाजे