
स्टार कपल देबिना बनर्जी (Debina Bonnerjee) और उनके पति गुरुमीत चौधरी अपनी दो प्यारी बेटियों लियाना व दिविशा के साथ अपने जीवन के सबसे अच्छे दिनों को एंजॉय कर रहे हैं। हालांकि, देबिना की प्रेग्नेंसी जर्नी आसान नहीं थी, क्योंकि वह कई बार अपने पहले बच्चे को जन्म देने में फेल रही थीं। काफी समय बाद गुरमीत और देबिना ने आखिरकार आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के जरिए अप्रैल 2022 में अपनी बड़ी बेटी लियाना का स्वागत किया था।
इसके तुरंत बाद इस प्यारे कपल ने नेचुरल तरीके से अपनी छोटी बेटी दिविशा का वेलकम किया था। दो बच्चों की मां ने अक्सर इस स्पेशल फेज की कठिनाइयों के बारे में बात की है। अब 25 जुलाई 2023 को 'वर्ल्ड आईवीएफ डे' के मौके पर देबिना ने एक बार फिर से आईवीएफ के बारे में बात की।
देबिना बनर्जी ने बताया- 'कैसे आज के समय में भी IVF पर बात करना सामान्य नहीं'
देबिना बनर्जी ने अपने व्लॉग में बताया कि जो लोग IVF से गुजरते हैं उन्हें अलग तरह से देखा जाता है, उनके बच्चों को भी अलग तरह से देखा जाता है और वे अक्सर ट्रोलिंग का सब्जेक्ट बन जाते हैं। उन्होंने लोगों को सलाह देते हुए कहा कि किसी को भी इसकी परवाह नहीं करनी चाहिए कि दुनिया क्या कह रही है। इसके बारे में और विस्तार से बताते हुए देबिना ने बताया कि उन्हें कभी इस बात का डर नहीं रहा कि उनके बारे में लोगों की राय क्या है। बल्कि उन्होंने इस दौरान अपनी आईवीएफ जर्नी के बारे में खुलकर बात की
खूबसूरत एक्ट्रेस ने यह भी साझा किया कि कैसे आईवीएफ मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालता है और यह एक बेहद सिंगल प्रोसेस है। देबिना ने बताया कि यह समाज नहीं है, जो हमें परिभाषित करता है। यह हमारे प्रयास हैं, जो हमें परिभाषित करते हैं। अभिनेत्री ने साझा किया कि आईवीएफ एक ऐसी प्रक्रिया है, जो महिलाओं को मदरहुड की खूबसूरत जर्नी को अपनाने में मदद करती है। देबिना ने यह भी कहा कि मदरहुड को अपनाना भगवान की इच्छा से ही संभव है।
जब देबिना बनर्जी ने अपनी आईवीएफ जर्नी के बारे में की थी बात
देबिना अपने फैंस को प्रेरित करने से कभी पीछे नहीं हटतीं। उन्होंने पूरे समय एक्टिवली अपनी आईवीएफ प्रेग्नेंसी जर्नी के बारे में बात की है। इससे पहले, अपने एक व्लॉग में देबिना ने साझा किया था कि कैसे उन्होंने मदरहुड को अपनाने के लिए ज्योतिषी से लेकर एक्यूपंक्चर और न जाने क्या-क्या करने की कोशिश की थी। अभिनेत्री ने साझा किया था कि उनके डॉक्टर को थोड़ा डाउट था, लेकिन उन्होंने अपने आईवीएफ उपचार के दौरान एक भ्रूण के साथ इसे ट्राई करने का फैसला किया और इसका रिजल्ट पॉजिटिव आया।
