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Death Anniversary : 'शोले' की मौसी उर्फ लीला मिश्रा ने 18 साल की उम्र से ही निभाया मां का किरदार

Bhumika Sahu
17 Jan 2022 3:31 AM GMT
Death Anniversary : शोले की मौसी उर्फ लीला मिश्रा ने 18 साल की उम्र से ही निभाया मां का किरदार
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दिवंगत एक्ट्रेस लीला मिश्रा (Leela Mishra) के कई किरदार मशहूर हैं. कभी वह एक्टर्स की मां के किरदार में नजर आईं, तो कभी उन्होंने किसी की लव स्टोरी में विलेन बनकर मुश्किलें पैदा कीं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। की मशहूर फिल्म शोले (Sholay) में बसंती (Basati) की 'मौसी' का किरदार निभाने वालीं एक्ट्रेस लीला मिश्रा (Leela Mishra) की आज पुण्यतिथि है. 80 साल की उम्र में 17 जनवरी, 1988 में लीला मिश्रा का निधन हुआ था. महज 12 साल की उम्र में लीला मिश्रा की शादी राम प्रसाद मिश्रा से हुई थी, जो पहले के ज़माने की साइलेंट फिल्मों में करैक्टर आर्टिस्ट थे. 17 साल की उम्र तक उन्होंने दो बेटियों को जन्म दिया था. उनके बारें में दिलचस्प बात यह है कि एक्ट्रेस होने के बावजूद उन्होने कभी भी बड़े पर्दे पर हीरो के साथ रोमांस नही किया. 18 की उम्र से ही उन्होंने हीरो की मां और मौसी जैसे किरदारों को करना शुरू कर दिया था. हालांकि इसके पीछे एक बड़ा ही दिलचस्प कारण है.

पहला प्रोजेक्ट कैंसिल होने के बाद, लीला को पहली फिल्म में एक भिखारी को रोल करने का प्रस्ताव मिला था. इस फिल्म को खुद कोल्हापुर के महाराजा की कंपनी बना रही थी. हालांकि, लीला मिश्रा को यह फिल्म भी नहीं मिली, क्योंकि एक सीन में लीला को एक्टर के चारों ओर अपनी बाहें डालते हुए एक रोमांटिक सीन करना था और लीला ने इस सीन को करने से साफ इनकार कर दिया था.
ऑन स्क्रीन रोमांस करने से किया इनकार
सम्मान नाम की एक और फिल्म में भी उन्हें इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा. उन्हें बतौर लीड एक्ट्रेस अभिनेता शाहू मोड़क के सामने कास्ट किया गया था. इस फिल्म में भी उन्हें लीड एक्टर को गले लगाना था. हालांकि इस बार भी लीला अपनी जिद पर अड़ी रहीं और उन्होंने रोमांस करने से इनकार कर दिया. चूंकि, वह कंपनी कानूनी रूप से लीला को फिल्म से बाहर नहीं कर सकती थी, इसलिए उन्होंने लीड एक्टर यानी शाहू मोड़क की मां का किरदार निभाने के लिए लीला का चयन किया और 18 साल की छोटी उम्र में उन्होंने ऑन स्क्रीन मां का किरदार निभाने से अपने करियर की शुरुआत की.
पति से ज्यादा मिलती थी तनख्वाह
दरअसल, लीला मिश्रा की खोज मामा शिंदे नामक एक व्यक्ति ने की थी, जो दादा साहब फालके के साथ काम किया करते थे. उन्होंने लीला के पति के साथ-साथ उन्हें भी फिल्मों में काम करने के लिए राजी किया. उन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों की भारी कमी थी. यह उस समय मिलने वाली तनख्वाह से स्पष्ट होता है. लीला के पति राम प्रसाद मिश्रा को उस समय 150 रूपए प्रति माह पैसे मिल रहे थे, तो लीला मिश्रा को 500 रूपए दिए जाते थे.


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