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Death Anniversary: कादर खान ने दोस्तों के कहने पर बन गए कॉमेडी किंग

Bhumika Sahu
31 Dec 2021 1:59 AM GMT
Death Anniversary: कादर खान ने दोस्तों के कहने पर बन गए कॉमेडी किंग
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कादर खान (Kader Khan) का जन्म 22 अक्टूबर को काबुल, अफगानिस्तान में हुआ था. उनका परिवार अफगानिस्तान छोड़कर भारत के मुंबई में आकर बस गया था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कादर खान अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन वो जहां भी हैं, वहां वो खुश होंगे ऐसी हम उम्मीद करते हैं. आज हम कादर खान को याद कर रहे हैं और उन्हें याद करने की बड़ी वजह उनकी फिल्में तो हैं ही लेकिन आज 31 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि है. 31 दिसंबर 2018 को कनाडा के टोरंटो में उन्होंने आखिरी सांस ली थी. कादर खान, एक ऐसा नाम जिसे भूला नहीं जा सकता. एक्टिंग का इस्टीट्यूशन थे कादर खान. वो हर दिल अजीज कलाकारों में से एक थे. कादर खान ने जिस भी किरदार को किया, उसमें अपनी पूरी जान डाल दी. उन्हें स्क्रीन पर देखकर ऐसा लगता था मानो ये सीन उन्हीं के लिए लिखा गया हो क्योंकि वो इस कदर उस सीन में घुस जाते थे कि लगता था कि ये उन्हीं की आपबीती है.

कॉमेडी से लेकर विलेन तक के किरदार निभाए
उन्होंने फिल्मों में विलेन से लेकर कॉमेडियन के किरदार निभाए और हर किरदार में वो बखूबी फिट नजर आए. उन्होंने हर किरदार से लोगों का दिल जीता था. कादर खान एक अच्छे कलाकार होने के साथ-साथ एक उम्दा इंसान और एक बेहतरीन लेखक भी थे. उन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्मों के बेहतरीन डायलॉग्स लिखे, जिन्हें लोग आज भी दुहराते हैं.
कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर को काबुल, अफगानिस्तान में हुआ था. उनका परिवार अफगानिस्तान छोड़कर भारत के मुंबई में आकर बस गया था. बताया जाता है कि अफगानिस्तान से भारत आने के बाद उनका परिवार मुंबई के सबसे गंदे और बदनाम इलाके कमाठीपुरा में रहा करता था. उन दिनों कादर खान की माली हालत ठीक नहीं थी. उन्होंने धीरे-धीरे पढ़ाई करना शुरू किया और उसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी पूरी की और फिर अपने कॉलेज में नाटक के पात्रों को लिखने लगे थे.
250 फिल्मों के लिखे डायलॉग्स
कुछ ही समय बाद वो एक कॉलेज में लेक्चरर बन गए थे लेकिन उनके लेखन के प्रति लगाव उन्हें हर कदम कुछ और करने की प्रेरणा देता था. हालांकि, उन्होंने इसके बाद भी नाटकों को लिखना नहीं छोड़ा और फिर देखते ही देखते वो फिल्मों के भी डायलॉग्स लिखने लगे. कुछ ही समय के बाद वो फिल्मों में अभिनय भी करने लगे. करियर के शुरुआती दौर में उन्हें विलेन के रोल सबसे ज्यादा ऑफर किए जाते थे. लेकिन वो जो मिलता उसे बड़ी ही सहजता से करते जाते थे. जिसकी वजह से उन्हें दर्शकों का प्यार भी खूब मिलता था.
एक ऐसा भी समय आया जब उन्होंने विलेन का किरदार करना छोड़ दिया और इसके बाद वो कॉमेडी करने लगे. कादर खान ने गोविंदा के साथ कई सारी कॉमेडी फिल्में कीं, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में दाग, परवरिश, सुहाग, कुर्बानी, नसीब, याराना, कुली, आंटी नंबर 1, दूल्हे राजा, अंखियों से गोली मारे और दिवाना मैं दिवाना समेत तकरीबन 300 फिल्मों में अभिनय किया और तकरीबन 250 फिल्मों में डायलॉग्स लिखे.


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