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सलमान खान के खिलाफ खौफनाक साजिश, गिरफ्तार शूटर ने किया बड़ा खुलासा

Nilmani Pal
11 Jun 2022 1:35 AM GMT
सलमान खान के खिलाफ खौफनाक साजिश, गिरफ्तार शूटर ने किया बड़ा खुलासा
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सोर्स न्यूज़ - आज तक 

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान और उनके पिता सलीम खान को धमकी देने वालों का सच सामने आ गया है. सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए 8 शूटर्स में से एक ने मुंबई पुलिस को उस शख्स का नाम बताया है, जिसने मुंबई के एक पार्क की बेंच पर वो धमकीभरा खत रखा था. जिस पर सलीम खान बैठा करते हैं. धमकीभरे इस खत को मुंबई में उस जगह तक पहुंचाने के लिए राजस्थान से तीन लोगों को मुंबई भेजा गया था.

दिल्ली पुलिस की शुरुआती तफ्तीश में गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई ने सलमान खान को दी गई धमकी से बेशक अपना कोई लेना-देना ना होने की बात कही हो, लेकिन अब मुंबई पुलिस की जांच में ये साफ हो गया है कि सलमान खान और उनके पिता सलीम खान को धमकाने के पीछे भी उसी लॉरेंस बिश्नोई का हाथ था, जिसने सिद्धू मूसेवाला की जान ली.

पहले लॉरेंस बिश्नोई फिर गोल्डी बरार और अब विक्रमजीत बरार. ये वो तिकड़ी है जिसने रातों-रात शोहरत कमाने और जुर्म की दुनिया में अपनी जड़ें मज़बूत करने के मक़सद से सिद्धू मूसेवाला के क़त्ल के फौरन बाद सलमान खान और उनके पिता को धमकाने की साज़िश रची. पुलिस ने मूसेवाला के कत्ल में शामिल एक शूटर सिद्धेश कांबले उर्फ सौरभ महाकाल को गिरफ्तार किया तो सलमान ख़ान को धमकी देने के पीछे की चौंकानेवाली कहानी सामने आ गई.

पुलिस की मानें तो ये साज़िश लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार के साथ मिलकर कनाडा में बैठे एक तीसरे गैंगस्टर विक्रमजीत बरार ने रची. राजस्थान के हनुमानगढ़ का रहने वाला वो गैंगस्टर जो बेशक पुलिस के बही-खातों में फिलहाल फ़रार हो, लेकिन वो कनाडा से ही लॉरेंस के इशारे पर भारत में जुर्म की वारदातों को लगातार अंजाम दे रहा है.

29 मई 2022- सिंगर सिद्धू मूसेवाला का क़त्ल हुआ

29 मई 2022- लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ ने सोशल मीडिया पर क़त्ल की ज़िम्मेदारी ली

31 मई 2022- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तिहाड़ में बंद लॉरेंस बिश्नोई को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया

05 जून 2022- सलमान खान और उनके पिता को लॉरेंस और गोल्डी बरार के नाम से जान से मारने की धमकी मिली

इस बार भी जब सिद्धू मूसेवाला के क़त्ल के बाद लॉरेंस और गोल्डी का नाम सुर्खियों में आया, तो इस गैंग को लगा कि अब जब मामला गर्म है, तो सलमान ख़ान को फिर से धमकी देकर और शोहरत कमाई जा सकती है. सलमान को धमकाने का ये राज़ शायद इतनी आसानी से फ़ाश नहीं होता, अगर सलमान के घर के पास धमकी भरी चिट्ठी छोड़नेवाले बदमाशों ने पुणे में ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग के ही शूटर सौरभ महाकाल से मुलाकात ना की होती. लेकिन विक्रमजीत बराड़ के गुर्गों ने सौरभ महाकाल से मुलाकात की और महाकाल के गिरफ़्तार होते ही ये राज़ खुल गया.

मुंबई पुलिस की मानें तो सलमान खान और उनके पिता को धमकाने की ये साज़िश लॉरेंस का दायां हाथ माने जानेवाले गैंगस्टर विक्रमजीत बरार ने रची. उसी के इशारे पर राजस्थान के जालोर से लेकर तीन लड़के पहले महाराष्ट्र पहुंचे, उन्होंने सौरभ महाकाल से मुलाक़ात की और फिर चुपके से मुंबई के बैंड स्टैंड में सलमान ख़ान के घर के पास एक बेंच पर धमकी भरी चिट्ठी छोड़ दी. चिट्ठी में लिखा था- सलीम ख़ान, सलमान ख़ान, बहुत जल्द आपका मूसेवाला होगा. चिट्ठी छोड़नेवाले गुर्गों की इस तिकड़ी की भी फिलहाल मुंबई पुलिस ने पहचान कर ली है, लेकिन उनका शिकंजे में आना अभी बाकी है.

अब इससे पहले कि इस साज़िश की गहराइयों में उतरे, आईए पहले उस गैंगस्टर के बारे में जान लेते हैं, जिसका नाम सलमान ख़ान को धमकाने के इस मामले में सामने आया है. राजस्थान के रहनेवाला गैंगस्टर विक्रमजीत बराड़ कभी राजस्थान के ही सबसे बड़े गैंगस्टरों में से एक आनंदपाल का क़रीबी हुआ करता था. लेकिन आनंदपाल 24 जून 2017 को एक एनकाउंटर में मारा गया और इसके बाद बरार लॉरेंस गैंग से जुड़ गया. अलग-अलग जुर्म के मामलों में लगातार नाम आने के चलते वो मौका देख कर भारत से निकल गया और इन दिनों कनाडा में रह रहा है. पुलिस की मानें तो विक्रमजीत बराड़ और गोल्डी बराड़ दोनों को कनाडा में सेटल करवाने के पीछे भी लॉरेंस बिश्नोई का ही हाथ है.

लॉरेंस बिश्नोई सिर्फ उत्तर भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अपना जुर्म का सिक्का चलाना चाहता है. कुछ इसी इरादे से वो एक-एक कर अपने ख़ास लोगों को विदेश में सेट करने में लगा था, ताकि हिंदुस्तानी कानून से दूर वो विदेशों में बैठे अपने गुर्गों के ज़रिए ही आसानी ये यहां ऑपरेट कर सके. कुछ इसी इरादे से उसने एक और गैंगस्टर काला राणा को थाइलैंड भिजवाया था, लेकिन दिल्ली पुलिस काला राणा को थाइलैंड से डिपोर्ट कर भारत लाने में कामयाब हो गई. और तब प्लान 'बी' के तहत लॉरेंस ने कनाडा में बैठे बरार बंधुओं को देश के अलग-अलग हिस्सों में वसूली, सुपारी किलिंग, लूट-डकैती जैसे जुर्म की वारदातों को अंजाम देने का काम सौंप दिया. उसने गोल्डी बरार को नॉर्थ इंडिया यानी उत्तर भारत की ज़िम्मेदारी दी, जबकि विक्रमजीत बराड़ को साउथ इंडिया की और अब इसी विक्रमजीत बरार ने सलमान ख़ान और उनके पिता ने नाम ये धमकी भरी चिट्ठी भिजवाई.

पुलिस की मानें तो इस चिट्ठी के ज़रिए लॉरेंस गैंग ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक अपना नाम पहुंचाना चाहता था और इसी इरादे से उन्होंने ये चिट्ठी एक ऐसी सार्वजनिक जगह पर रखवाई, जहां सलमान ख़ान के पिता सलीम खान रोज़ाना जाते हैं. असल में विक्रमजीत के गुर्गों ने चिट्ठी सलमान के घर पर भेजने की जगह उनके घर के पास एक बेंच पर रख दी, उस बेंच पर जहां रोज़ाना वॉक के दौरान सलमान के पिता सलीम ख़ान कुछ देर बैठ कर सुस्ताते हैं.

रविवार को जब अपने रुटीन के मुताबिक बेंच पर बैठने ही जारहे थे, तभी उनके सिक्योरिटी गार्ड्स की नज़र इस चिट्ठी पर पड़ी और ये कहानी सामने आई. शिकायत मुंबई पुलिस को मिली और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू की. चूंकि चिट्ठी के नीचे पहले ही जीबी और एलबी लिखा था, तो चारों अक्षरों के फुल फॉर्म के हिसाब से पहला शक गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई पर ही गया. लेकिन गोल्डी बरार कनाडा में है और लॉरेंस बिश्नोई दिल्ली पुलिस के कब्ज़े में इस इल्ज़ाम से इनकार करता रहा. लेकिन जब पुणे पुलिस ने मूसेवाला मर्डर केस के सिलसिले में सिद्धेश कांबले उर्फ़ सौरभ महाकाल को पकड़ा तो उसने पूरी कहानी साफ कर दी.

फिलहाल, मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक टीम इस मामले में लॉरेंस से पूछताछ के लिए दिल्ली पहुंच चुकी है. सलमान ख़ान को लॉरेंस अपना दुश्मन मानता रहा है. वो पहले भी जोधपुर जेल में रहते हुए सलमान ख़ान को जान से मारने की धमकी दे चुका है. असल में सलमान ख़ान पर राजस्थान में काले हिरण के शिकार का इल्ज़ाम लगा था, जिससे लॉरेस उन पर कुछ ज़्यादा ही खफ़ा था और उनकी हत्या करना चाहता था. उसने पुलिस कस्टडी में ना सिर्फ़ बड़े ही बेख़ौफ़ तरीक़े से सार्वजनिक तौर पर सलमान को मारने की बात कही थी, बल्कि इसके लिए एक गैंगस्टर को काम भी सौंपा था. लेकिन आगे चल कर जब उसके कुछ गुर्गे पकड़े गए, तो लॉरेंस की साज़िश का ख़ुलासा हो गया.

लॉरेंस ने संपत नेहरा को सलमान खान को मारने का काम सौंपा था और संपत ने पिछले साल सलमान के घर की रेकी भी की थी. वो सलमान को गोली मारना चाहता था, लेकिन दिक्कत ये थी कि संपत के पास सिर्फ एक पिस्टल थी और ज़्यादा दूर से सलमान को निशाना नहीं बना सकता था. लिहाज़ा, वो मुंबई से वापस लौट आया. लॉरेंस इसके बाद भी नहीं रुका. उसने क़रीब डेढ़ लाख रुपये खर्च कर अपने गांव के दिनेश फौज़ी से एक स्प्रिंग वाली रायफल मंगवाई, लेकिन इससे पहले कि रायफल संपत तक पहुंचती, दिनेश फ़ौजी गिरफ़्तार कर लिया.

उधर, लॉरेंस के ही एक दूसरे गुर्गे राजवीर सोपू को राजस्थान के श्रीगंगानगर से पुलिस ने गिरफ़्तार किया. जिसने एक चैनल से टेलीफ़ोन पर बातचीत करते हुए एक महीने के अंदर सलमान ख़ान का क़त्ल कर देने की बात कही थी. उसने दावा किया था कि सलमान लॉरेंस गैंग के निशाने पर हैं और एक महीने में उनकी हत्या कर दी जाएगी. लेकिन अब सलमान को धमकी की ये कहानी तकरीबन साफ़ हो चुकी है, जिसके तार मूसेवाला मर्डर केस की तरह ही सीधे कनाडा से जुड़ रहे हैं.

29 मई को सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या से जो सनसनी फैली उसके तार अगले ही दिन कनाडा तक पहुंच गए. वो भी इसी गोल्डी बरार की वजह से जिसने कनाडा से ही इस फेसबुक पोस्ट के जरिए दावा किया कि हत्या के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ है. चार राज्यों की पुलिस की तफ्तीश आगे बढ़ी और इसमें देश की बड़ी-बड़ी एजेंसियां शामिल हुईं तो कनाडा में बैठे इस गैंगस्टर पर शिकंजा कसने का इंतजाम हो गया. इंटरपोल ने गोल्डी बराड़ को पकड़ने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. 29 मई को पंजाब के मानसा में हुए मर्डर के मामले में अब पुलिस बहुत तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ती दिखाई दे रही है. कनाडा में बैठे गैंगस्टर सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार तक कानून के हाथ पहुंचने वाले हैं.

इधर, दिल्ली में गोल्डी का साथी लॉरेंस पहले ही पुलिस कस्टडी में है. कस्टडी खत्म होने से पहले शुक्रवार को उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस की जांच में गोल्डी और लॉरेंस की पूरी साठगांठ सामने आ गई है. वहीं कनाडा में बैठे-बैठे गोल्डी बरार ने पंजाब पुलिस की नाक में दम कर रखा है. पंजाब में जब भी कोई अपराध होता है तो गोल्डी का नाम पुलिस को परेशान करने लगता है.

दरअसल, सिद्धू की हत्या के 12 दिन हो चुके हैं और पंजाब पुलिस पर केस की गुत्थी सुलझाने के अलावा सारे शूटर्स को गिरफ्तार करने की चुनौती बढ़ती जा रही है. इस केस की सबसे अहम कड़ी गोल्डी बरार ही है. सिद्धू के अलावा सलमान को धमकी के केस में भी गोल्डी वांटेड है. गोल्डी बरार के अपराध की दुनिया में कदम रखने का किस्सा बेहद दिलचस्प है. बताया जाता है कि पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले गैंगस्टर गोल्डी बरार ने अपने चचेरे भाई गुरलाल बराड़ की हत्या के बाद जुर्म की दुनिया में वापसी की थी.

स्टडी वीजा पर सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार पढ़ाई के लिए कनाडा गया था. लेकिन चचेरे भाई की हत्या के बाद वो अपराध की दुनिया में लौट आया. दरअसल, 11 अक्टूबर 2020 को पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र नेता गुरलाल बराड़ की हत्या कर दी गई थी. तभी से गोल्डी जरायम की दुनिया में सक्रिय हो गया. गुरलाल लॉरेंस बिश्नोई का बेहद करीबी था. हत्या की इस वारदात के बाद ही लॉरेंस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि अब नई जंग की शुरुआत है, सड़कों पर खून नहीं सूखेगा. उसके बाद ही गोल्डी बरार ने कनाडा से ही एक के बाद एक हत्याएं करानी शुरू कर दीं.

गोल्डी ने 18 फरवरी 2021 को भाई की मौत का बदला लेने के लिए पंजाब के फरीदकोट में जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुरलाल सिंह की गोलियां मरवाकर हत्या करवा दी. इसके बाद मुक्तसर मलौट में रणजीत सिंह उर्फ राणा सिद्धू की हत्या कराई. हत्याओं के साथ ही रंगदारी मांगने का सिलसिला शुरू किया. दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई व गोल्डी बरार के नाम पर इसी साल 22 जनवरी को फोन कर सेक्टर-32 के एक ट्रांसपोर्टर से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी. ज़ाहिर है गोल्डी बराड़ का नाम अब पंजाब पुलिस के लिए एक सिरदर्द बन चुका है, हालांकि रेड कॉर्नर नोटिस के बाद अब गोल्डी बराड़ को भारत लाने की कवायद तेज की जाएगी.

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