मनोरंजन

'पोन्‍न‍ियन सेल्‍वन पार्ट 1' में नजर आएंगे च‍ियान विक्रम, मुंबई में प्रमोशन इवेंट में दिया भाषण हुआ वायरल

Neha Dani
27 Sep 2022 8:02 AM GMT
पोन्‍न‍ियन सेल्‍वन पार्ट 1 में नजर आएंगे च‍ियान विक्रम, मुंबई में प्रमोशन इवेंट में दिया भाषण हुआ वायरल
x
उत्तर भारत या दक्षिण भारत नाम की कोई चीज नहीं है। हम भारतीय हैं और हमें इस पर गर्व महसूस करने की जरूरत है।'

साउथ इंडियन फिल्‍मों के सुपरस्‍टार चियान विक्रम 'पोन्‍न‍ियन सेल्‍वन पार्ट 1' में आदित्य करिकालन की भूमिका निभा रहे हैं। मण‍िरत्‍नम की इस फिल्‍म का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है। 30 सितंबर को रिलीज हो रही इस फिल्‍म की एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है। फिल्‍म की कहानी चोल वंश के साम्राज्‍य पर है। इस बीच फिल्‍म का प्रमोशन भी जोर-शोर से चल रहा है। मुंबई में एक ऐसे में प्रमोशनल इवेंट में चियान विक्रम ने दो मिनट का ऐसा भाषण दिया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। विक्रम ने अपने भाषण में चोल साम्राज्‍य के गौरवशाली इतिहास का जिक्र किया और कहा कि जब इंग्‍लैंड और बाकी देश अंधेरे में डूबे हुए थे, तब भी हमारा हिंदुस्‍तान चमक रहा था। उन्‍होंने इस दौरान तंजावुर के बृहदेश्वर मंदिर का भी जिक्र किया।


Chiyaan Vikram के इस भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यूजर्स का कहना है कि यह वीडियो भारतीय इतिहास के बारे में उन लोगों की आंखें खोलने वाला है, जो अमेरिका और इंग्‍लैंड जैसे देशों के विकास की तारीफ करते नहीं थकते हैं। विक्रम वीडियो में कहते हैं, 'हम सब पिरामिड देखने जाते हैं, पीसा की झुकी हुई मीनार देखते हैं। किसी ने कहा कि हम एक ऐसी इमारत की तारीफ कर रहे हैं, जो सीधी नहीं खड़ी है, जो गिर रही है, झुकी हुई है। हम वहां सेल्‍फी और फोटोज लेकर उत्‍साहित रहते हैं, जबकि हमारे देश में पुरातन काल के ऐसे मंदिर हैं, जिन्‍हें बनाने में प्लास्टर तक का इस्‍तेमाल नहीं हुआ।'

अपनी तरह का एकलौता है बृहदेश्‍वर मंदिर
तंजावुर के बृहदेश्‍वर मंदिर की बात करते हुए विक्रम ने आगे कहा कि इस मंदिर में बिना किसी क्रेन या प्लास्टर के टॉवर के ऊपर कई टन वजन का पत्थर लाया गया। इसके लिए छह किलोमीटर का रैम्‍प बना गया था। इस मंदिर ने अब तक छह भूकंप झेले हैं। विक्रम जिस बृहदेश्‍वर मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं, उसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है। ग्रेनाइट का बना यह दुनिया में अपनी तरह का एकलौता मंदिर है। इसे तमिल आर्किटेक्चर की मिसाल माना जाता है।


'कोलंबस से 500 साल पहले हमारे पास थी विशाल नौसेना'
राजराज चोझान की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए विक्रम ने कहा कि सम्राट ने अपने काल में 5000 बांध बनाए, लोगों को कर्ज दिया, मुफ्त अस्पताल चलाए, पंचायत चुनाव करवाए और शहरों के नाम महिलाओं पर रखें। वह कहते हैं, 'यह 9वीं शताब्दी में हुआ था जब हमारी समुद्री शक्ति बाली और मलेशिया तक पहुंच गई थी। सोचिए कि तब 500 साल बाद तक कोलंबस ने अमेरिका की खोज भी नहीं की थी। हमारी संस्कृति कितनी महान है, हमें इस पर गर्व करना चाहिए। उत्तर भारत या दक्षिण भारत नाम की कोई चीज नहीं है। हम भारतीय हैं और हमें इस पर गर्व महसूस करने की जरूरत है।'


Next Story