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चीन की क्रूरता: दो पूर्व सरकारी अधिकारियों को मिली सजा-ए-मौत, जानिए क्या थी गलती

Neha Dani
7 April 2021 11:26 AM GMT
चीन की क्रूरता: दो पूर्व सरकारी अधिकारियों को मिली सजा-ए-मौत, जानिए क्या थी गलती
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इन दो पूर्व अधिकारियों की मौत की सजा सुनाकर बता दिया है, उसे अंतरराष्ट्रीय दबाव से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.

चीन के शिनजियांग प्रांत (Xinjiang Province in China) में उइगर मुसलमानों (Uyghur Muslims) पर ड्रैगन की क्रूरता लगातार बढ़ती ही जा रही है. अंतरराष्ट्रीय दबाव और आलोचना के बावजूद वह लगातार यहां के लोगों पर जुल्मोसितम करने में लगा हुआ है. ताजा घटना में उसने उइगर समुदाय के दो पूर्व सरकारी अधिकारियों को मौत की सजा सुना दी है. उन पर 'अलगाववादी गतिविधियों' को बढ़ाने का आरोप है.

अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि शिनजियांग प्रांत में उइगर समुदाय के दो पूर्व सरकारी अधिकारियों को 'अलगाववादी गतिविधियों' के लिए मौत की सजा सुनाई जाती है. शिनजियांग न्याय विभाग के पूर्व प्रमुख शिरजात बावुदुन को देश का बंटवारा करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है.

आतंकी संगठन के साथ काम करने का आरोप
शिनजियांग हाइर पीपुल्स कोर्ट के वाइस प्रेसिडेंट वैंग लांगताओ ने कहा कि बावुदुन ने आतंकी संगठनों के साथ मिलकर साजिश रची. रिश्वत ली और अलगाववादी मुहिम चलाई. वह ईस्ट तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) की साजिश में शामिल होने का दोषी पाया गया है. ETIM को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित किया था. हालांकि पिछले साल नवंबर में अमेरिका ने इस ग्रुप को आतंकी संगठन की सूची से हटा दिया था. अमेरिका ने कहा था कि इस समूह के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं.

शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी को भी सजा
शिरजात बावुदुन के साथ सत्तार सावूत नाम के पूर्व अधिकारी को भी मौत की सजा सुनाई गई है. सत्तार सावूत शिनजियांग शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक रह चुके हैं. उन पर आरोप हैं कि उन्होंने धार्मिक उन्माद फैलाया. आतंकी संगठनों के साथ संबंध रखे और पाठ्यक्रम में धार्मिक कट्टरता को शामिल किया. इसके अलावा उन पर रिश्वत लेने का भी आरोप है.
पूरी दुनिया में हो रही आलोचना
शिनजियांग प्रांत में जिस ढंग से चीन ने उइगर मुसलमानों के प्रति दमनकारी नीति अपनाई है. उसे लेकर दुनियाभर में आलोचना हो रही है. अमेरिका इस बारे में चेतावनी भी दे चुकी है. कई मीडिया संगठनों को यहां का सच बताने के लिए देश से बाहर भी किया जा चुका है. अमेरिका के अलावा ब्रिटेन भी चीन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि वह उइगर मुसलमानों के साथ क्रूरता बंद करे. मगर चीन ने इन दो पूर्व अधिकारियों की मौत की सजा सुनाकर बता दिया है, उसे अंतरराष्ट्रीय दबाव से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.


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