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रावण को लेकर कास्टिंग डायरेक्टर Mukesh Chhabra ने दिया बयान

Suvarn Bariha
22 Aug 2024 1:04 PM GMT
रावण को लेकर कास्टिंग डायरेक्टर  Mukesh Chhabra ने दिया बयान
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Sports.खेल: 'रामायण' फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने रावण को लेकर कहा है कि उसने जो भी किया वो प्यार में किया। उनके बयान को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। 'रामायण' फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने रावण को लेकर कहा है कि उसने जो भी किया वो प्यार में किया। उनके बयान को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। इस फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा रणवीर अल्लाहबडिया के पॉडकास्ट में रामायण के रावण को लेकर अजीबो गरीब टिप्पणी की है, जिसका असर उनकी आने वाली फिल्म पर भी पड़ सकता है। उन्होंने फिल्म में भगवान राम की कास्टिंग, लक्ष्मण की कास्टिंग पर बात की। जब उनसे पूछा गया कि रावण के किरदार के लिए कास्टिंग करते वक्त उनके दिमाग में क्या विचार थे? इस बारे में बात करते हुए मुकेश छाबड़ा ने जो कहा वो पढ़िए। रावण प्यार में था: मुकेश छाबड़ा छाबड़ा ने कहा, “यार वो भी प्यार में था, उसे बदला लेना था, लेकिन वो भी प्यार में भी था। अगर उसकी बात करें तो जहां तक मैं समझता हूं रावण बुरा था और वो भी बदला लेना चाहता था,
लेकिन वो साफ तौर पर अपनी बहन से बहुत प्यार करता था, उसे अपनी बहन के लिए जो भी करना था, वो करना था। रावण अपनी जगह सही था, ये एक युद्ध था और दोनों ही पक्ष मानते थे कि वो अपनी जगह सही है, लेकिन जो भी था रावण प्रेम में था।” उनके इस बयान का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है और उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब किसी ने रामायण से जुड़ा कुछ ऐसा बयान दिया है। इससे पहले सैफ अली खान भी इस तरह की बात कर चुके हैं। फिल्म ‘आदिपुरुष’ में सैफ ने रावण के किरदार को निभाया था। उन्होंने रावण को राक्षस बताते हुए कहा था कि ये किरदार निभाना उनके लिए दिलचस्प था। उन्होंने कहा था कि वो सीता के अपहरण और राम के साथ रावण के युद्ध को सही
ठहराएंगे
, क्योंकि वो उस गलत व्यवहार का बदला है जो लक्ष्मण ने रावण की बहन शूर्पणखा की नाक काटकर उसके साथ किया था। सैफ अली खान को बाद में अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी थी। उन्होंने कहा था, “मैं ईमानदारी से सभी से माफी मांगता हूं और अपने बयान को वापस लेना चाहता हूं। भगवान राम हमेशा से मेरे लिए धार्मिकता और वीरता के प्रतीक रहे हैं, ‘आदिपुरुष’ बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न की कहानी है और पूरी टीम मिलकर महाकाव्य को बिना किसी विकृतियों के प्रस्तुत करने का काम कर रही है।”
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