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तुर्की और ग्रीस दोनों बीते कुछ दिनों से लगातार एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी, जानें- क्‍या है पूरा मामला

Rounak Dey
12 Sep 2022 7:53 AM GMT
तुर्की और ग्रीस दोनों बीते कुछ दिनों से लगातार एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी, जानें- क्‍या है पूरा मामला
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एयर डिफेंस मिसाइलों से निशाना साधा था। इन दोनों के बीच इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं।

तुर्की और ग्रीस दोनों बीते कुछ दिनों से लगातार एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इसकी वजह है कि ग्रीस के सैनिकों द्वारा तुर्की के कार्गो शिप पर हुई फायरिंग। इसको लेकर तुर्की काफी भड़का हुआ है। इस तनाव और विवाद की शुरुआत केवल इस फायरिंग से ही नहीं हुई है बल्कि तुर्की और ग्रीस के बीच Aegean Sea को लेकर हुई है। तुर्की का आरोप है कि इसमें मौजूद डिमिलिट्राइज्‍ड आइसलैंड को ग्रीस अपने कब्‍जे में लेना चाहता है।


तुर्की की धमकी
तुर्की के राष्‍ट्रपति रैसैप तैयप इर्दोगन ने ये आरोप लगाते हुए यहां तक कहा था कि तुर्की समय आने पर इसका करारा जवाब देगा। तुर्की इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। वहीं अब ग्रीस के प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्रपति इर्दोगन पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए उनके बयानों को स्‍वीकार न करने वाला बताया है। ग्रीस के पीएम Kyriakos Mitsotakis ने Aegean Sea पर सवाल उठाते हुए कहा है कि तुर्की का बयान किसी सूरत में स्‍वीकार्य नहीं है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि तुर्की सीधेतौर पर धमकी दे रहा है। इस डिमिलिट्राइज्‍ड द्वीप पर कोई जवान नहीं है। तुर्की के पीएम ने ये बयान संसद में दिया है। सदन में उनसे तुर्की के बयान पर सवाल किया गया था।

बातचीत को तैयार ग्रीस
अब ग्रीस द्वारा तुर्की के कार्गो शिप पर फायरिंग किए जाने के बाद भी तुर्की ने कड़ा रुख दिखाया है। तुर्की ने इसके लिए ग्रीस की कोस्‍ट गार्ड को जिम्‍मेदार ठहराया है। तुर्की की तरफ से कहा गया है कि उसका शिप अंतरराष्‍ट्रीय जल क्षेत्र में था। इसलिए उसके ऊपर की गई फायरिंग अंतरराष्‍ट्रीय नियमों का घोर उल्‍लंघन है। तुर्की के बयान पर गुस्‍साए ग्रीस ने कहा है कि वो इस मुद्दे पर कभी भी और कहीं भी बात करने को तैयार है। ग्रीस के पीएम का कहना है कि वो धमकियों से नहीं डरते हैं, लेकिन वो विवाद को खत्‍म करने के लिए बातचीत का सहारा लेना अधिक पसंद करते हैं।

प्रवासियों की तस्‍करी के लिए बदनाम है इलाका
जिस इलाके में ये घटना हुई है वो इलाका इलाका प्रवासियों की तस्करी के लिए बदनाम है। इस रास्‍ते से प्रवासियों को अवैध रूप से इटली और यूरोपीय यूनियन के सदस्‍य देशों में भेजा जाता है। इसलिए इस पूरे इलाके में ग्रीस संदिग्ध जहाजों की जांच करता है। इन दोनों देशों के बीच जब पहले इस तरह की घटनाएं हुई थीं तब फ्रांस ने दोनों में सुलह कराई थी। तुर्की और ग्रीस के बीच इसके अलावा भी कई दूसरे विवाद हैं, जिनको लेकर दोनों के बीच अक्‍सर तनातनी बनी रहती है। इनमें अपने जलक्षेत्र की सीमा, जलक्षेत्र में मौजूद द्वीपों को लेकर अधिकार, आदि विशेष हैं। इन दोनों के बीच 1947 में विवादित द्वीपों को लेकर एक समझौता भी हुआ था। हालांकि दोनों ही इस समझौते को न मानने का आरोप एक दूसरे पर लगाते रहते हैं।

कई मुद्दों पर आमने सामने आ चुके हैं दोनों देश
तुर्की और ग्रीस के बीच छिड़ा ये विवाद इसलिए बेहद खास हो गया है क्‍योंकि ये दोनों ही नाटो के सदस्‍य हैं। ग्रीस की तरफ से कहा गया है कि तुर्की का कार्गो शिप अवैध रूप से उनके जलक्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहा था। ग्रीस ने कहा है कि उसकी कोस्‍ट गार्ड ने केवल कार्गो शिप को चेतावनी देने के लिए फायर किए थे। इन दोनों देशों के बीच जारी तनाव को पिछले दिनों तब और हवा मिली थी जब ग्रीस ने तुर्की के फाइटर जेट पर एयर डिफेंस मिसाइलों से निशाना साधा था। इन दोनों के बीच इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं।


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