x
बहन दलबीर कौर के लिए प्रेयर मीट रखी
बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा ने पाकिस्तान जेल में शहीद हुए सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर के लिए प्रेयर मीट रखी है। सोशल मीडिया में पोस्ट शेयर करते हुए इसकी जानकारी दी कि 4 जुलाई को 'अंतिम अरदास' रखा गया है। इस प्रेयर मीट को रणदीप के साथ सरबजीत सिंह की बेटियां स्वप्नदीप कौर, पूनम अटवाल और दलबीर की भाभी और दामाद रख रहे हैं। रणदीप ने ही दलबीर कौर का अंतिम संस्कार किया था।
इस न्यौते में रणदीप हुड्डा को दलबीर का भाई बताया गया है। दलबीर की रविवार, 26 जून को पंजाब के अमृतसर के पास भीखीविंड में, हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इसके बाद एक्टर रणदीप हुड्डा तुरंत मुंबई से रवाना होकर उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए और शव को कंधा और मुखाग्नि दी थी।
शेयर किया था इमोशनल पोस्ट
दलबीर कौर के निधन के बाद रणदीप हुड्डा ने दलबीर के साथ अपनी एक फोटो शेयर कर लिखा, "एक फाईटर, एक बच्चे की तरह शार्प और हर चीज के लिए डिवोटेड। उन्होंने अपने भाई सरबजीत के लिए सिस्टम, पूरे देश और देश के लोगों से जंग लड़ी। मैं इस जीवन में उनका प्यार और आशीर्वाद पाने के लिए खुद को बहुत लकी मानता हूं। आखिरी बार हम तब मिले थे जब मैं पंजाब के खेतों में शूटिंग कर रहा था। आई लव यू, आई मिस यू और मैं हमेशा आपके प्यार और आशीर्वाद को संभाल कर रखूंगा।"
रणदीप ने निभाया भाई का फर्ज
2016 में सरबजीत सिंह की बायोपिक रिलीज हुई थी, जिसका टाइटल 'सरबजीत' था। फिल्म की कहानी सरबजीत की बहन दलबीर कौर की उनकी अपने भाई के लिए न्याय पाने की लड़ाई के इर्द-गिर्द घूमती है। इस फिल्म में रणदीप हुड्डा ने सरबजीत सिंह का रोल निभाया था, वहीं ऐश्वर्या राय बच्चन ने दलबीर कौर का रोल प्ले किया था। इस फिल्म के बाद दलबीर कौर और रणदीप हुड्डा के बीच खास बॉन्ड बन गया था।
उन्होंने कहा था कि उन्हें रणदीप में उनके भाई सरबजीत सिंह नजर आते हैं। दलबीर कौर ने रणदीप हुड्डा से वादा लिया था कि वो उनकी अर्थी को कंधा देंगे। इससे उन्हें ये सोचकर शांति मिलेगी कि 2013 में मरने वाले सरबजीत उनकी अर्थी उठा रहे हैं। अब जब 5 साल बाद जब दलबीर कौर का निधन हुआ तो रणदीप हुड्डा ने उनसे किया वादा निभाया।
पूरी जिंदगी भाई की रिहाई के लिए लड़ती रहीं दलबीर
1991 में पाकिस्तान की कोर्ट ने सरबजीत सिंह को भारतीय जासूस करार देकर मौत की सजा सुनाई थी, जिसके बाद सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर लाइम लाइट में आई थीं। भाई को मौत की सजा मिलने के बाद से ही दलबीर अपने भाई को रिहा कराने के लिए कोशिशें करने लगी थीं। वह कभी राष्ट्रपति, कभी प्रधानमंत्री तो कभी विदेश मंत्रालय के चक्कर काटती रहीं। 2011 में वह भाई को मिलने पाकिस्तान गई थीं। 9 साल पहले 2013 में ही सरबजीत सिंह का पाकिस्तान की कोट कलाखपत जेल में ही कत्ल कर दिया गया था।
Next Story