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Birthday: ओम पुरी कभी चाय के कप धोया करते थे, लेकिन जब उसकी मेहनत परवान चढ़ी तो उसका डंका हॉलीवुड तक बजा

Shiddhant Shriwas
18 Oct 2021 3:48 AM GMT
Birthday: ओम पुरी कभी चाय के कप धोया करते थे, लेकिन जब उसकी मेहनत परवान चढ़ी तो उसका डंका हॉलीवुड तक बजा
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दुनिया में संघर्ष की आपने बहुत सी कहानियां सुनी होंगी। ऐसी कहानियां जिन्होंने साबित कर दिया कि अगर व्यक्ति मेहनत से काम करना

दुनिया में संघर्ष की आपने बहुत सी कहानियां सुनी होंगी। ऐसी कहानियां जिन्होंने साबित कर दिया कि अगर व्यक्ति मेहनत से काम करना चाहे तो पूरी कायनात उसे कामयाबी के मुकाम तक पहुंचाने में जुट जाती है। एक ऐसी ही कहानी बॉलीवुड के अभिनेता की है, जो कभी चाय के कप धोया करता था। लेकिन जब उसकी मेहनत परवान चढ़ी तो उसका डंका हॉलीवुड तक बजा। औसत शक्ल के बावजूद उसने अपनी एक्टिंग का लोहा ऐसा मनवाया कि शायद ही मनोरंजन जगत की देश-दुनिया की हस्ती होगी जो उनके टैलेंट से परिचित न हो। हम किसी और की नहीं बल्कि ओम पुरी साहब की बात कर रहे हैं। ओम पुरी का जन्म साल 1950 में 18 अक्तूबर को हुआ था। आज उनकी जन्मदिवस के मौके पर जानते हैं कि कैसे संघर्ष करते हुए उन्होंने इंडस्ट्री में एक बड़ा मुकाम हासिल किया और वो मैथेड एक्टिंग के इंस्टिट्यूट साबित हो गए।

ओमपुरी का शुरुआती जीवन काफी संघर्षपूर्ण बीता था। वो कई बार अपने किस्से सुनाते हुए भावुक हो जाते थे। एक बार अनुपम खेर के शो में उन्होंने बताया कि 6 साल की उम्र में अपनी जिंदगी को चलाने के लिए वो चाय के ग्लास धोते थे। उनका बचपन काफी गरीबी में बीता है और उनको सफलता बड़े संघर्ष बाद हासिल हुई है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि हॉलीवुड तक में अदाकारी करने वाले ओम पुरी की अंग्रेजी बहुत अच्छी नहीं थी। यहां तक कि उनकी हिंदी भी ज्यादा बेहतर नहीं थी। उनकी शिक्षा पंजाबी भाषा में हुई थी। जब वो नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा पहुंचे थे तो उनमें काफी आत्मविश्वास की कमी थी। आत्मविश्वास न होने के कारण एक वक्त वो तय कर बैठे थे कि वो अब आगे अभिनय नहीं करेंगे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

ओम पुरी अपने टैलेंट के बूते नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा तक तो पहुंच गए थे लेकिन गरीबी यहां भी उनका पीछा नहीं छोड़ रही थी। उन दिनों नसीरउद्दीन शाह उनके सबसे अच्छे दोस्त हुआ करते थे। ओम पुरी ने खुद कई बार इस बात को कुबूल किया है कि अगर नसीर उनकी मदद नहीं करते तो वो कभी इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाते।

अपनी औसत शक्ल को लेकर भी ओम पुरी को काफी कुछ सहना पड़ा था। दूरदर्शन को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि जब वो नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पहुंचे तो उनकी मुलाकात शबाना आजमी से हुई। उन्हें देखकर शबाना ने कहा था कि, 'कैसे कैस लोग हीरो बनने चले आते हैं'। ये पहली बार नहीं था, चेहरे पर चेचक के दाग होने के कारण उन्हें कई बार ऐसी आलोचनाएं सुननी पड़ीं।

ओम पुरी का फिल्मी करियर बहुत बड़ा है। उन्होंने 319 फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं अदा की थीं। इन फिल्मों कई भाषाओं की फिल्में शामिल हैं। भारत की ओर से सबसे ज्यादा हॉलीवुड फिल्मों में काम करने वाले अभिनेताओं में वो अग्रणी कलाकार रहे हैं।

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