जन्मदिन: 16 साल में पवन कल्याण ने रचाईं तीन शादियां, शानदार अभिनेता के अलावा मशहूर राजनेता
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 2 सितंबर 1971 को जन्में साउथ फिल्मों के सुपरस्टार अभिनेता पवन कल्याण इस साल अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। वो साउथ के मेगास्टार चिरंजीवी के छोटे भाई हैं। पवन का जन्म बपतला में हुआ था और उनका असली कोन्निडेला कल्याण बाबू है। हालांकि उनका स्क्रीन नेम पवन कल्याण हैं और साउथ सिनेमा में उन्हें पावर स्टार के नाम से जाना जाता है। पवन साउथ सिनेमा के वो सितारे हैं जिन्होंने राजनीति में कदम रखा और वहां भी मशहूर हुए। उन्होंने 1997 में तेलुगु फिल्म 'गोकुलामलो सीता' से इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों जैसे 'बद्री', 'जॉनी', 'अन्नावरम', 'पुली' और 'गब्बर सिंह' में काम किया। लोगों के बीच पवन कल्याण का जबरदस्त क्रेज देखने को मिलता हैं।
16 साल में पवन कल्याण ने रचाई तीन शादी
पवन कल्याण राजनीति के साथ साथ फिल्मी मंच पर भी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। वो एक निर्देशक, गायक और स्क्रीन राइटर भी हैं। पवन अपने फिल्मी करियर और राजनीति को लेकर तो चर्चा में रहते ही हैं साथ ही अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं। तो चलिए उनके जन्मदिन के मौके पर आपको बताते हैं कुछ खास बातें।
पवन कल्याण की निजी जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं हैं। उन्होंने 16 साल में करीब तीन शादियां कीं। उनकी पहली पत्नी का नाम नंदिनी था जिनसे उन्होंने साल 1997 में शादी की थी। हालांकि शादी के बाद हुई अनबन के कारण उन्होंने ये रिश्ता तोड़ दिया और साल 1999 में दोनों ने तलाक ले लिया था।
इसके बाद पवन की जिंदगी में आईं रेनू देसाई। दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया और फिर उन्होंने शादी कर ली। हालांकि रेनू के साथ भी पवन की शादी अच्छी नहीं चल पाई। रेनू देसाई से पवन के दो बच्चे हैं बेटा अकीरा और बेटी आध्या। हालांकि शादी के तीन साल बाद ही इन दोनों ने भी तलाक ले लिया।
अभिनेता से राजनेता बने पवन कल्याण ने तीसरी शादी विदेशी बाला अन्ना लेजनेवा से की। दोनों की मुलाकात साल 2011 में हुई थी। इसके बाद दोनों ने शादी कर ली और उसी साल अन्ना एक बेटी की मां भी बन गईं। उनका एक बेटा भी है जिसका नाम मार्क शंकर पवनोविच है।
अपने बड़े भाई चिरंजीवी की तरह पवन ने भी राजनीति में कदम रखा और साल 2008 में वो पार्टी प्रजा राज्यम में शामिल हो गए थे। हालांकि कुछ सालों बाद पवन ने अपनी पार्टी जन सेना बनाई थी। बाद में उन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया था और सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी के साथ मिलकर पीएम मोदी के लिए खूब प्रचार किया था। हालांकि पवन ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर बीजेपी संग पार्टी के रिश्ते को खत्म कर दिया। पवन कल्याण जरुरी मुद्दों को उठाते हैं और राजनीतिक मंच पर सक्रिय हैं।