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जन्मदिन: बचपन से ही सिंगिग का शौक रखने वाली फाल्गुनी ने 9 साल की उम्र में किया था पहला स्टेज शो

Tara Tandi
12 March 2022 5:26 AM GMT
जन्मदिन: बचपन से ही सिंगिग का शौक रखने वाली फाल्गुनी ने 9 साल की उम्र में किया था पहला स्टेज शो
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भारत की गरबा क्वीन फाल्गुनी पाठक का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 12 मार्च को 1964 को मुंबई में एक गुजराती परिवार हुआ था। बचपन से ही सिंगिग का शौक रखने वाली फाल्गुनी ने मात्र 9 साल की उम्र में ही अपना पहला स्टेज शो किया था।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत की गरबा क्वीन फाल्गुनी पाठक का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 12 मार्च को 1964 को मुंबई में एक गुजराती परिवार हुआ था। बचपन से ही सिंगिग का शौक रखने वाली फाल्गुनी ने मात्र 9 साल की उम्र में ही अपना पहला स्टेज शो किया था। फाल्गुनी संगीत और गायिकी की दुनिया का वो नाम हैं, जिन्होंने 90 के दशक में लड़कियों को प्यार करना सिखाया और अपनी बेहद सुरीली आवाज से उनके दिल की आवाज बन गईं।


फाल्गुनी पाठक मुंबई में पली-बढ़ी थीं। वे अपनी मम्मी-पापा की पांचवीं संतान हैं। फाल्गुनी के मम्मी-पापा 4 बेटियों के जन्म के बाद एक बेटे की उम्मीद कर रहे थे, पर उनकी 5वीं संतान भी एक लड़की ही हुई। फाल्गुनी इसलिए हमेशा लड़कों की तरह रहीं। उन्होंने 10 साल की उम्र में अपना पहला गाना अल्का याग्निक के साथ रिकॉर्ड किया था।


90 के दशक में फाल्गुनी पाठक का गाना हर किसी की जुबान पर हुआ करता था और हर फंक्शन पर लोग बड़े शौक से इसे बजाया करते थे। मैंने पायल है छनकाई, याद पिया की आने लगी, बोले जो कोयल बागों में और ओ पिया जैसे गानों ने खूब वाहवाही बटोरी थी।इस जमाने में उनके कई गाने हिट रहे और इनका जलवा भी काफी समय तक बरकरार रहा।

गीत की दुनिया के अलावा फाल्गुनी टीवी के फेमस शो, 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा', 'कौन बनेगा करोड़पति', 'स्टार डांडिया धूम', 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' और प्राइमटाइम शो 'बा बहू और बेटी' में भी नजर आ चुकी हैं। फाल्गुनी को व्यापक तौर पर भारतीय मैडोना माना जाता है। उनका पहला एल्बम 1998 में रिलीज हुआ था।
उन्होंने भारत सहित विदेशों में कई कार्यक्रम किए। 'ता थैया' नाम से उनका बैंड हुआ करता था, जिसके साथ वे परफॉर्मेंस देती थीं। वे लड़कियों के कपड़े पहनने से परहेज करती हैं। आज भी फाल्गुनी की डिमांड नवरात्रि में सबसे ज्यादा होती है। जब वे छुट्टी पर होती हैं तो वे घूमने जाती हैं। उन्हें घूमने का शौक है। वे गुजरात जाकर अपनी बहनों से भी मिलती हैं।
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