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जन्मदिन: 60 के दशक में हेयरस्टाइल से लेकर कपड़े तक हुए कॉपी, पिता के कहने पर एक्ट्रेस बनीं थीं साधना

Shiddhant Shriwas
2 Sep 2021 2:27 AM GMT
जन्मदिन: 60 के दशक में हेयरस्टाइल से लेकर कपड़े तक हुए कॉपी, पिता  के कहने पर एक्ट्रेस बनीं थीं साधना
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'मेरा साया', 'वो कौन थी' और 'वक्त' जैसी फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री साधना शिवदसानी अपने अभिनय के अलावा हेयरस्टाइल को लेकर आज भी फैंस के बीच जानी जाती हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 'मेरा साया', 'वो कौन थी' और 'वक्त' जैसी फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री साधना शिवदसानी अपने अभिनय के अलावा हेयरस्टाइल को लेकर आज भी फैंस के बीच जानी जाती हैं। साधना का जन्म पाकिस्तान के कराची में दो सितंबर 1941 को हुआ था। बटवारे के बाद वह अपने माता-पिता के साथ भारत आ गई थीं। अपने माता-पिता की वह इकलौती संतान थीं। कहते हैं साधना के पिता ने उनका नाम साधना रखा था। उनके पिता ने 1930 की अपनी पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर उनका नाम 'साधना' रखा था। आइए इस अभिनेत्री के जन्मदिन पर जानें कुछ खास बातें-

हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री साधना 60 के दशक में टॉप की अभिनेत्री थीं। साधना का पूरा नाम साधना शिवदासानी था। साल 1960 में 'लव इन शिमला' फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म को तो अच्छा रिस्पांस मिला ही इसी के साथ साधना का फिल्म में हेयर स्टाइल इतना फेमस हो गया कि वह उनका स्टाइल स्टेटमेंट ही बन गया था।

साधना ने हिंदी सफर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। इसके बाद महज 15 साल की उम्र में कैमियो में नजर आई थीं। इसके बाद उन्हें एक से बढ़कर एक रोल मिलने लगे। बहुत ही कम लोग इस बात को जानते हैं कि पहली ही फिल्म में राज कपूर और साधना में ऐसी अनबन हुई थी कि वह उनसे बेहद नफरत करने लगी थीं।

साधना का जन्म पाकिस्तान के कराची में एक सिंधी परिवार में हुआ था। वो अपने मां-बाप की इकलौती संतान थीं। बंटवारे के बाद उनका परिवार कराची छोड़कर मुंबई आ बसा। साधना के पिता को एक्ट्रेस साधना बोस पसंंद थीं इसलिए अपनी बेटी का नाम भी उन्होंने साधना ही रखा। साधना ने महज 14 साल की उम्र से काम करना शुरू कर दिया था। राज कपूर की फिल्म 'श्री 420' में एक गाना मुड़-मुड़ के न देख के कोरस में साधना थीं। इसके बाद उन्होंने 16 साल की उम्र में सिंधी फिल्म 'अबाना' में लीड रोल में काम किया। इस फिल्म के लिए उन्हें केवल एक रुपये का टोकन अमाउंट मिला था। इस फिल्म के बाद एक मैग्जीन में साधना की तस्वीर छपी। तब के मशहूर प्रोड्यूसर सशाधर मुखर्जी ने वो तस्वीर देखी और साधना को पहला मौका अपनी फिल्म 'लव इन शिमला' में दिया।

फिल्म के डायेक्टर आरके नैय्यर को साधना का चेहरा थोड़ा अजीब लग रहा था। नैय्यर को साधना का माथा बहुत बड़ा लगा। उन्होंने हॉलीवुड एक्ट्रेस ऑडी हेपबर्न की तरह साधना का हेयर स्टाइल करवा दिया और माथा छुपाने के लिए आगे के बालों को माथे पर बिखेर दिया। बाद में साधना की यही हेयरस्टाइल उनकी पहचान बन गई।

1995 में पति के निधन के बाद साधना अकेले रह गई थीं। आखिरी दिनों में वो मुंबई के एक पुराने बंगले में किराये पर रहती थीं। यह बंगला आशा भोंसले का था। साधना को थायरॉइड की बीमारी हो गई थीं। जिससे उनकी आंखों पर भी असर पड़ने लग गया था। अपने अंतिम दिनों में भी साधना गुमनामी जैसी जिंदगी में ही रहीं।

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