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Birth Anniversary : हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर अजीत खान का आज जन्मदिन है, जाने उनसे जुड़ी बातें
Bhumika Sahu
27 Jan 2022 5:14 AM GMT
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बॉलीवुड की फिल्मों में 'लॉयन' नाम से प्रसिद्ध एक्टर अपने जमाने में विलेन के किरदार में आकर स्क्रीन पर आग लगा दिया करते थे. अतीत खान का असल नाम हामिद अली खान है. इंडस्ट्री में एक्टर अजीत के नाम से काफी फेमस थे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर अजीत खान (Ajit Khan) का आज जन्मदिन है जिसके चलते उनके फैंस एक्टर को स्पेशल ट्रिब्यूट (Tribute To Ajit Khan) देने जा रहे हैं.बॉलीवुड की फिल्मों में 'लॉयन' नाम से प्रसिद्ध एक्टर अपने जमाने में विलेन के किरदार में आकर स्क्रीन पर आग लगा दिया करते थे. अजीत खान का असल नाम हामिद अली खान (Hamid Ali Khan) है. इंडस्ट्री में एक्टर अजीत के नाम से काफी फेमस थे. उनके जन्मदिन के खास मौके पर गुरुवार को हैदराबाद में एक आयोजन की तैयारी की जा रही है. हैदराबाद स्थित डेक्कन हेरिटेज ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी मोहम्मद सफीउल्लाह के मुताबिक, एक्टर अजीत खान को पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।
हिंदी सिनेमा के 'लॉयन' को दिया जाएगा खास ट्रिब्यूट
फूलों के जरिए एक्टर को ट्रिब्यूट दिया जाएगा. इस दौरान एक्टर की कब्र के पास जाकर दुआएं भी पढ़ी जाएंगी. ट्रस्टी मोहम्मद सफीउल्लाह ने इस पर कहा, 'हम दोपहर में गोलकुंडा किले के पास जमाली कुंटा कब्रिस्तान में स्थित उनकी कब्र पर प्रार्थना करेंगे।'
अजीत के बेटे शाहिद अली खान, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जयेश रंजन, सालार जंग म्यूजियम के पूर्व सदस्य जाकिर हुसैन और डेक्कन हेरिटेज ट्रस्ट के अध्यक्ष वेदा कुमार इस समारोह में शामिल होंगे। इस पर सफीउल्लाह ने आगे कहा, 'इस अवसर पर, उनके जीवन और समय पर एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया जाएगा। हम अगले कुछ दिनों में उनकी सुपरहिट फिल्मों की स्क्रीनिंग की भी योजना बना रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने तेलंगाना सरकार से महान कलाकार के नाम पर एक सड़क का नामकरण करने का अनुरोध भी किया गया था। उन्होंने कहा, 'हमने भारत सरकार से अजीत जी की याद में एक डाक टिकट जारी करने का अनुरोध किया है।
जब सीमेंट पाइपलाइन में रहने को मजबूर थे जीत
बता दें, 27 जनवरी 1922 को हैदराबाद के कोलकुंडा में जनमें एक्टर अजीत ने हैदराबाद और वारांगल से अपनी पढ़ाई पूरी की. साल 1940 में अजीत ने बंबई की तरफ रुख कर लिया था. फिल्मों में छोटा मोटा रोल करने के बाद एक्टर को 1946 में फिल्म 'शाह-ए-मिस्र' में बतौर लीड हीरो काम करने का मौका मिला था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब अजीत ने बंबई आने की योजना बनाई थी उस वक्त उनके पास ट्रेवलिंग के लिए पैसे नहीं थे. ऐसे में उन्होंने अपनी किताबें बेच दी थीं और अपने सपने पूरे करने मायानजरी आ पहुंचे थे. उनकी मुसीबतें यही खत्म नहीं हुईं, जब इतने बड़े शहर में उन्हें रहने की थोड़ी सी जगह न मिली तो वह काफी परेशान हो गए थे. ऐसे में अजीत ने सीमेंट की पाइपलाइन के अंदर अपना आशियां बना लिया था.
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