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Birth Anniversary : आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं प्रत्युषा बनर्जी के पेरेंट्स, ना पैसे हैं, ना काम

Neha Dani
10 Aug 2021 2:24 AM GMT
Birth Anniversary : आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं प्रत्युषा बनर्जी के पेरेंट्स, ना पैसे हैं, ना काम
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परिवार का कहना है कि वो अंतिम सांस तक बेटी के इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे.

प्रत्युषा बनर्जी टीवी की एक ऐसी एक्ट्रेस थीं जिन्होंने बहुत कम उम्र में ही पॉपुलेरिटी पाई. कलर्स टीवी के शो 'बालिका वधू' में आनंदी की भूमिका निभाकर उन्हें घर-घर में पहचाना जाने लगा था. लेकिन करियर की उंचाईयों के बावजूद उनकी निजी जिन्दगीं मं ऐसी उठापठक चल रही थी जिसकी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली. 10 अगस्त 1991 को जन्मी प्रत्युषा आज जिंदा होती तो अपना 30वां जन्मदिन मना रही होतीं.

प्रत्युषा की मौत ने टीवी इंडस्ट्री समेत उनके फैंस को हैरान कर दिया था, किसी को इस बात का भरोसा नहीं हो पा रहा था. 1 अप्रैल 2016 को प्रत्युषा का शव घर के पंखे से लटका मिला था. जांच में प्रत्यूषा बनर्जी और ब्वॉयफ्रेंड राहुल राज के साथ उनके तनाव भरे रिश्ते सबके सामने आए गए. पुलिस ने राहुल राज को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि प्रत्युषा ने आखिरी कॉल राहुल को ही की थी और इसके बाद उन्होने आत्महत्या कर ली. आखिर इस कॉल में ऐसा क्या था?
दरअसल प्रत्युषा का फोन ऑटोरिकॉर्डिंग पर लगा था इसलिए जब उन्होंने राहुल को फोन किया दोनों के बीच की बात इसमें रिकॉर्ड हो गई. तीन मिनट की इस बातचीत में प्रत्यूषा काफी परेशान और भरभराई लग रही थीं. प्रत्यूषा ने राहुल से कहा कि "तुमने मुझे चीट किया है मेरे माता पिता से मुझे अलग कर दिया. चारों तरफ उनकी बदनामी हो रही है. उन्हें कैरेक्टरलेस कहा जा रहा है. मुझे और मेरे माता-पिता को जान से मारने की धमकियां दी जा रहीं है. अब देखना मैं क्या करती हूं."
इस बातचीत के बाद राहुल ने फोन काट दिया, प्रत्युषा के शव को जब उतारा गया उनकी मांग में सिंदूर भरा हुआ था. उनका अंतिम संस्कार भी एक दुल्हन की तरह किया गया.
आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं पैरेंट्स
प्रत्युषा तो इस दुनिया को अलविदा कहकर चली गईं लेकिन उनके माता-पिता अब भी न्याय की आस लगाए बैठे हैं. इन दिनों उनका परिवार आर्थिक तंगी के हालात से गुजर रहा है. उनका परिवार एक कमरे के घर में जिन्दगी गुजारने को मजबूर है. मां एक चाइल्ड केयर सेंटर में काम करती है. पिता स्टोरी राइटर हैं लेकिन अब उन्हें काम नहीं मिलता. परिवार का कहना है कि वो अंतिम सांस तक बेटी के इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे.


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