मनोरंजन
Birth Anniversary : इंडियन वोकालिस्ट भीमसेन जोशी हिंदी फिल्म जगत में एक जाना-माना नाम है, भीमसेन जोशी को 'भारत रत्न' से किया जा चुका है सम्मानित
Bhumika Sahu
4 Feb 2022 2:01 AM GMT
x
भीमसेन जोशी (Bhimsen Joshi) ने साल 1941 में महज 19 साल की आयु में स्टेज पर अपनी पहली प्रस्तुति दी थी. उनका पहला एल्बम 20 साल की उम्र में निकला था जिसमें कन्नड़ और हिंदी के कुछ धार्मिक गीत थे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इंडियन वोकालिस्ट भीमसेन जोशी (Bhimsen Joshi) हिंदी फिल्म जगत में एक जाना-माना नाम है. कर्नाटक के गड़ग में 4 फरवरी 1922 को भीमसेन जोशी का जन्म हुआ था. उनके पिता का नाम गुरुराज जोशी (Gururaj Joshi) था, जो कि स्थानीय हाई स्कूल हेडमास्टर और कन्नड़, अंग्रेजी और संस्कृत के विद्वान थे. भीमसेन जोशी के परिवार में तकरीबन सभी म्यूजिक से जुड़े रहे हैं. भीमसेन जोशी किराना घराने के शास्त्रीय गायक (Classical Singer) थे. उन्होंने महज 19 साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था. और तो और वो पूरे सात दशकों तक शास्त्रीय गायन करते रहे. भीमसेन जोशी ने न सिर्फ कर्नाटक को बल्कि पूरे हिंदुस्तान को अपनी गायन शैली से गौरवान्वित किया है.
भीमसेन जोशी को 'भारत रत्न' से किया जा चुका है सम्मानित
पंडित भीमसेन जोशी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और इसके अलावा कई और अवॉर्ड्स से भी सम्मानित किया जा चुका है. भीमसेन जोशी की गिनती देश-विदेश में लोकप्रिय हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान गायकों में गिनती की जाती है. भीमसेन जोशी की संगीत में रुचि बचपन से ही थी. वो किराना घराने के संस्थापक अब्दुल करीम खान से बहुत ही ज्यादा प्रभावित थे. साल 1932 में वो गुरु की तलाश में अपने घर से निकल गए थे. जिसके बाद अगले दो वर्षों तक वो बीजापुर, पुणे और ग्वालियर में रहे. ग्वालियर में उन्होंने उस्ताद हाफिज अली खान से भी संगीत की शिक्षा ली. और अब्दुल करीम खान के शिष्य पंडित रामभाऊ कुंडालकर से उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शुरुआती शिक्षा ली.
साल 1936 में पंडित भीमसेन जोशी एक जाने-माने खयाल गायक थे. उन्हें खयाल के साथ-साथ ठुमरी और भजन में भी महारत हासिल था. भीमसेन जोशी ने दो शादियां की थीं. उनकी पहली पत्नी सुनंदा कट्टी थी, जिनके साथ उनकी शादी साल 1944 में हुई थी. सुनंदा से उन्हें 4 बच्चे हुए, राघवेंद्र, उषा, सुमंगला और आनंद. 1951 में उन्होंने कन्नड़ नाटक 'भाग्य श्री' में उनकी सह-कलाकार वत्सला मुधोलकर से शादी कर ली थी. लेकिन उन्होंने अपनी पहली पत्नी को न तो तलाक दिया था और न ही उनसे अलग हुए थे. वत्सला से भी उन्हें 3 बच्चे हुए, जयंत, शुभदा और श्रीनिवास जोशी. समय बीतने के साथ ही उनकी दोनों पत्नियां एक ही साथ रहे लगीं और दोनों परिवार भी एक हो गए. लेकिन बाद में जब उन्हें लगा कि ये ठीक नहीं है तो उनकी पहली पत्नी अलग हो गई और लिमएवाडी, सदाशिव पेठ, पुणे में किराये के मकान में रहने लगीं.
19 साल की उम्र में दी थी स्टोज पर पहली प्रस्तुति
भीमसेन जोशी ने साल 1941 में महज 19 साल की आयु में स्टेज पर अपनी पहली प्रस्तुति दी थी. उनका पहला एल्बम 20 साल की उम्र में निकला था जिसमें कन्नड़ और हिंदी के कुछ धार्मिक गीत थे. इसके दो साल के बाद ही वो मुंबई में एक रेडियो कलाकार के तौर पर काम करने लगे थे. पंडित भीमसेन जोशी ने कई फिल्मों के लिए भी गाने गाए जिनमें तानसेन, सुर संगम, बसंत बहार और अनकही शामिल हैं. भीमसेन जोशी ने कई रागों को मिलाकर कलाश्री और ललित भटियार जैसे नए रागों की भी रचना की. पंडित भीमसेन जोशी का देहांत 24 जनवरी 2011 को हुआ था.
Next Story