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मुंबई (आईएएनएस): बिग बॉस ओटीटी-2 के ग्रैंड फिनाले से बाहर होने वाली पहली फाइनलिस्ट पूजा भट्ट ने कहा है कि शो ने उन्हें अधिक निडर, बेशर्म और स्पष्टवादी बना दिया है। पूजा भट्ट ने 'बिग बॉस ओटीटी 2' के ग्रैंड फिनाले के बाद मीडिया से बातचीत की। इस शो के विजेता एल्विश यादव रहे।
रियलिटी शो में अपने सफर के बारे में बात करते हुए पूजा ने कहा कि इतने सारे लोगों को देखकर मैं बेहद खुश हो रही हूं। मुझे लगता है कि मुझे बहुत पहले ही फिल्में छोड़कर 'बिग बॉस' कर लेना चाहिए था।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि हमारी पीढ़ी के लोग, कैमरे को एक सीमा से आगे कभी नहीं जाने देते। सभी जानते हैं कि मैं महेश भट्ट की बेटी हूं। लेकिन, हमारे जीवन का कुछ हिस्सा ऐसा है, जिसे हम कैमरे के सामने नहीं लाते हैं।
बिग बॉस ओटीटी-2 के बाद जिंदगी में आए बदलाव से जुड़े सवाल पर पूजा भट्ट ने कहा कि मुझे लगता है 'बिग बॉस' में आने के बाद मेरे पास जो आखिरी फिल्टर था, वह अब चला गया है। अब मैं अधिक निडर, बेशर्म हूं। मैं अधिक खुलकर बात करुंगी और अपना जीवन पूरी तरह से जीऊंगी।
फैन्स और सपोटर्स से मिली सलाह के विपरीत पूजा का कहना है कि उन्होंने शो में भाग लेने का फैसला सोच-समझकर लिया है।
उनका कहना है कि 'बिग बॉस' करने के पीछे का इरादा अपनी सीमाओं को परखना था, इरादा यह देखना था कि मैं इसे कर पाऊंगी या नहीं। जब मेरे पास यह ऑफर आया तो मेरे करीबी लोगों ने मुझसे ऐसा न करने को कहा।
मुझसे कहा गया कि मैं एक फिल्म एक्ट्रेस हूं। यह शो उन लोगों के लिए है, जो अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। मुझसे कहा गया कि लोग शो में आपका अपमान करेंगे। इस शो में जाने का कोई मतलब नहीं है।
"मुझे लगता है कि लोग सोचते हैं कि अपमानित होना शो का फॉर्मेट है। लेकिन, मैं ऐसा नहीं सोचती। शो आपको एक अवसर और विकल्प देता है। चाहे आप अपमानित हों या नीचे गिरें, आपके पास उठने का मौका है।"
पूजा ने आगे कहा कि मैं वहां खुले दिमाग और खुले दिल के साथ गई थी। मेरी रीढ़ कठोर थी। अब मैं बाहर हूं, अपना सिर ऊंचा करके, मैंने घर में करीबी रिश्ते बनाए हैं। बेदिका मेरी बहन और बेटी हैं, जो मेरे पास कभी नहीं थी। जेड, अविनाश और एल्विश जैसे दोस्त हैं, जिन्हें मैंने 51 साल की उम्र में बनाए हैं।
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