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Bigg Boss 15: प्रतीक सहजपाल ने जीता 'टिकट टू फिनाले' टास्क

Subhi
20 Jun 2022 1:30 PM GMT
Bigg Boss 15: प्रतीक सहजपाल ने जीता टिकट टू फिनाले टास्क
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बिग बॉस 15 (Bigg Boss 15) के घर में शमिता शेट्टी (Shamita Shetty) के जरिए डाउनग्रेड होने के बाद बिग बॉस ने तेजस्वी (Tejasswi Prakash) को फिर एक बार टिकट टू फिनाले जीतकर वीआईपी जोन में जाने का एक मौका दिया.

बिग बॉस 15 (Bigg Boss 15) के घर में शमिता शेट्टी (Shamita Shetty) के जरिए डाउनग्रेड होने के बाद बिग बॉस ने तेजस्वी (Tejasswi Prakash) को फिर एक बार टिकट टू फिनाले जीतकर वीआईपी जोन में जाने का एक मौका दिया. लेकिन इस चैलेंज में उन्हें नॉन वीआईपी जोन के कंटेस्टेंट प्रतीक सहजपाल (Pratik Sehajpal) को हराना था. लेकिन दुर्भाग्यवश तेजस्वी, प्रतीक सहजपाल के साथ मुकाबला हार गई और फिर एक बार 'टिकट टू फिनाले' जीतकर वीआईपी जोन में जाने का मौका उनसे छीन लिया गया. इन दोनों को वीआईपी जोन के एक्सेस और 'टिकट टू फिनाले' के लिए एक मजेदार और दिलचस्प टास्क दे दिया गया था.प्रतीक और तेजस्वी के बीच हुआ मुकाबला

तेजस्वी और प्रतीक को बिग बॉस द्वारा दिए गए इस टास्क में उन्हें एक सायकल बनानी थी. इस सायकल के पार्ट्स उन्हें दुकानदार बने घरवालों से इकट्ठा करने थे. बिग बॉस ने की हुई घोषणा में यह कहा गया था कि घरवाले एक एक करके दुकानदार बन सकते हैं और अपने पसंदीदा खिलाडी को सायकल का पार्ट दे सकते हैं. सबसे पहले करण कुंद्रा आगे आए और उन्हें दुकानकार बनने का मौका दिया गया. उन्होंने सायकल का एक टायर तेजस्वी को दे दिया.

करण कुंद्रा ने की तेजस्वी की मदद

तेजस्वी को सायकल बनाने का बिलकुल भी अंदाज नहीं था और इसलिए करण कुंद्रा, निशांत भट उन्हें समझाने की और मार्गदर्शन करने की कोशिश कर रहे थे. इस टास्क की संचालक शमिता शेट्टी थी. पहले शमिता ने करण और निशांत को तेजस्वी की मदद करने के लिए मना किया लेकिन जब उन्होंने देखा कि तेजस्वी को बिल्कुल भी कुछ नहीं आता तो उन्होंने खुद उन्हें कुछ चीजें बताई और करण को भी अनुमति दी कि वह तेजस्वी की थोड़ी मदद करे.

प्रतीक ने जीता टास्क

करण कुंद्रा के बाद निशांत भट की बारी आई. दुकानदार बनकर निशांत भट ने प्रतीक सहजपाल को एक टायर दिया. निशांत से सायकल का पार्ट मिलने के बाद प्रतीक ने भी काम शुरू किया. हालांकि अभिजीत बिचुकले इस कार्य में एक नया ट्विस्ट लेकर आए. प्रतीक के साथ उनकी दोस्ती को मध्यनजर रखते हुए यह कहा जा रहा था कि वह प्रतीक की मदद करेंगे लेकिन उन्होंने तेजस्वी का नाम लेते हुए उन्हें उनकी सायकल के लिए लगने वाला दूसरा टायर दे दिया. हालांकि फिर भी बड़ी चतुराई से प्रतीक ने यह टास्क जीतकर 'टिकट टू फिनाले' अपने नाम किया.


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