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कंगना रनौत को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पोस्ट पर सेंसर मांग वाली याचिका की खारिज

Deepa Sahu
21 Jan 2022 1:38 PM GMT
कंगना रनौत को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पोस्ट पर सेंसर मांग वाली याचिका की खारिज
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देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) की तरफ से एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को बड़ी राहत मिली है.

नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) की तरफ से एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने एक फैसले में कंगना रनौत के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. यह याचिका तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे सिख समुदाय के खिलाफ पोस्ट करने पर कंगना के खिलाफ एक वकील की तरफ से दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने यह फैसला लिया.

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका में कंगना रनौत के सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी सेंसरशिप की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस पर सुनावाई से इनकार करते हुए कहा कि इसके लिए कानून में पहले से कई प्रावधान हैं. कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 32 के अनुसार इस मुद्दे पर कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकता.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कंगना के खिलाफ सिख समुदाय के खिलाफ उनके बयानों के लिए एफआईआर दर्ज करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया. हालांकि कोर्ट ने इस मामले में मुंबई पुलिस को जांच जारी रखने का आदेश दिया है.बता दें कि देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से अभिनेत्री कंगना के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट पर सेसरशिप की मांग करते हुए वकील चरनजीत सिंह चंद्रपाल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में किसानों के विरोध में पोस्ट की गई उनकी टिप्पणी के किखाफ दायर याचिका को मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी.
बता दें कि कंगना रनौत के खिलाफ यह याचिका पिछले साल दिसंबर 2021 के पहले सप्ताह में दायर की गई थी. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि वह कंगना के उस पोस्ट से बहुत ज्यादा दुखी है जिसमें उन्होंने किसानों को खालिस्तानी आतंकी बताया है. याचिका में यह भी कहा गया था कि उनके बयानों का मकसद देश में दंगे भड़काना है. एक्ट्रेस (Kangana Ranaut) के खिलाफ दर्ज की गई याचिका में कहा गया था कि उनके भड़काऊ ट्वीट्स और पोस्ट न केवल सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नहीं हैं, बल्कि इसमें उनकी छवि राष्ट्रविरोधी साबित करने की कोशिश भी गई है. ऐसे में उनके सोशल मीडिया पोस्ट पर पाबंदी लगी चाहिए और सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही उन्हें पोस्ट करने की इजाजत होनी चाहिए जिससे देश में कानून व्यवस्था बनी रहे.


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