शादी की सालगिरह से पहले सायरा को याद आए दिलीप कुमार, कही ये बात...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार रहे दिलीप कुमार का इसी साल 7 जुलाई को निधन हो गया था। दिलीप कुमार ने 98 साल की उम्र में अंतिम सांस ली थी। उनके निधन से पत्नी सायरा बानो को गहरा सदमा लगा है। कुछ दिनों पहले उनकी तबीयत भी खराब हो गई थी और उन्हें अस्पताल मं भर्ती करवाना पड़ा था। हालांकि अब वो ठीक हैं लेकिन सायरा लाइमलाइट से दूर ही रहती हैं। 11 अक्तूबर को सायरा और दिलीप कुमार की 56वीं सालगिरह है लेकिन इस बार दिलीप सायरा के साथ नहीं हैं।
सायरा ने किया अपने कोहिनूर को याद
उन्हें याद करते हुए सायरा ने एक खत साझा किया है जिसमें उन्होंने अपने दिल की बात कही है। सायरा ने लिखा- इस 11 अक्तूबर को मेरे प्यार और कोहिनूर संग मेरी 56वीं शादी की सालगिरह है। ये खत मैं उन सभी दोस्तों, शुभचिंतकों का आभार जताने के लिए लिख रही हूं जिन्होंने हमें और हमारे साथ गुजारे पलों को याद किया।
सायरा ने लिखा, 'दिलीप साहब और मैं हमारी शादी के दिन एक साथ खड़े थे जहां लाखों सितारों आसमान में टिमटिमा रहे थे। हमारी शादी से हमारे साथ की शुरुआत हुई थी और अब चाहे कुछ भी हो जाए हम आज भी हमारे ख्यालों में एक दूसरे का हाथ थामे एक साथ टहलते हैं और अंत समय तक ऐसे ही रहेंगे'।
आगे उन्होंने लिखा, 'दिलीप साहब ना सिर्फ मेरे लिए बल्कि हर उस पीढ़ी के लिए एक अतुलनीय मार्गदर्शक रहे है जो उनके कारण अपने जीवन में आगे बढ़ पाए हैं। दिलीप साहब हमेशा के लिए हैं, आमीन। अल्लाह उन्हें अपनी बरकत और मोहब्बत में बनाए रखे, आमीन'।
दिलीप भले ही इस दुनिया से चले गए लेकिन सायरा के लिए वो आज भी उनकी यादों में बसते हैं। सायरा ने अपनी पूरी जिंदगी अपने कोहिनूर के नाम कर दी थी। उनके साथ ही उठना उनके साथ ही जगना और उनकी ही सेवा में लगे रहना सायरा की जिंदगी बन चुका था। जब दिलीप इस दुनिया से गए तो सायरा को गहरा दुख हुआ था, उस दुख की शायद कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है।
दिलीप कुमार के निधन की खबर सुनकर बॉलीवुड और राजनीति के दिग्गज सितारे उनके घर पहुंचे थे। धर्मेंद्र, शाहरुख खान, रणबीर कपूर, जॉनी लीवर, विद्या बालन जैसे सितारों ने दिलीप कुमार साहब के घर जाकर उन्हें श्रद्धाजंलि दी थी। धर्मेंद्र ने कहा था कि मैं दिलीप साहब के पास बैठा था और सायरा ने कहा कि देखो साहब ने पलकें झपकाईं तो मेरा दिल टूट गया। दिलीप कुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था।