इस कारण पिता राज कपूर से ताउम्र नरज रहे राजीव कपूर, जानें वजह
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता राजीव कपूर ने इसी साल 9 फरवरी को इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कहा था। आज राजीव कपूर (Rajiv Kapoor) का उनके निधन के बाद उनकी पहली बर्थ एनिवर्सरी है। 25 अगस्त 1962, मुंबई में कपूर खान में हुआ था। कपूर परिवार के अहम सदस्य और अभिनेता राज कूपर के छोटे बेटे राजीव आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वह आज भी अपने काम और शोहरत की वजह से अपने चाहने वालों के दिलों में बसे हुए हैं। आज राजीव कपूर के बर्थ एनिवर्सरी पर जानेंने उनसे जुड़ी कुछ खास बातों को बारें में...
पिता राज कपूर ने किया था राजीव को बॉलीवुड में लॉन्च
बता दें कि पिता राज कपूर ने राजीव को बॉलीवुड में लॉन्च किया था, लेकिन बाद में कुछ ऐसा हुआ कि पिता के साथ उनके रिश्ते बिगड़ गए। राजीव कपूर अपने असफल करियर को लेकर पूरी उम्र पिता राज कपूर को कोसते रहे। राजीव कपूर की नाराजगी ऐसी थी कि वह पिता राज कपूर के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए थे।
राजीव कपूर की डेब्यू फिल्म
राजीव ने साल 1983 फिल्म 'एक जान हैं हम' से डेब्यू किया। इस फिल्म का डायरेक्शन राज कपूर ने किया था। हालांकि यह फिल्म फ्लॉफ साबित हुई। इसके बाद राज कपूर 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म बनाई। इस फिल्म में राजीव -मंदाकिनी लीड रोल में थे। फिल्म सुपरहिट साबित हुई लेकिन इससे बाप-बेटे के रिश्ते खराब हो गये। राइटर मधु जैन की किताब 'द कपूर्स' के मुताबिक, फिल्म में मंदाकिनी किरदार इतना स्ट्रॉन्ग था जिसकी वजह से मंदाकिनी रातोंरात स्टार बन गईं, लेकिन राजीव कपूर को कोई फायदा नहीं हुआ। इसका जिम्मेदार उन्होंने अपने पिता राज को ठहराया।
पिता राज से इस बाते बेहद नाराज थे राजीव
राजीव ने पिता राज कपूर से एक और फिल्म बनाने की अपील की थी। वह चाहते थे कि फिल्म में उनका किरदार दमदार हो, जिससे उनका करियर आगे बढ़ सके, लेकिन राज कपूर ने फिल्म बनाने से इनकार कर दिया। इससे में दोनों के रिश्ते में खटास आ गई। कहते हैं कि राज कपूर ने राजीव को अपनी टीम के असिस्टेंट काम दे दिया था, जिससे उन्हें स्पॉटबॉय तक के काम करने पड़ते थे। पिता के इस व्यवहार को राजीव इतने आहत हुए कि उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं गए थे।
इन फिल्मों में किया काम
राजीव ने अपने 10 साल के करियर में 13 फिल्में की। 'राम तेरी गंगा मैली' के बाद राजीव कपूर ने हम तो चले परदेस, अंगारे, लवर ब्वॉय जैसी कई फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें सिर्फ निराशा हाथ लगी। इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं टिक पाई। इसके बाद राजीव पिता को अपनी नाकामी का जिम्मेदार मानने लगे। राजीव ने 'आसमान', 'जबरदस्त', 'लवर बॉय', 'हम तो चले परदेस' और 'जिम्मेदार' जैसी फिल्में बॉलीवुड को दिया है। इसके अलावा उन्होंने निर्देशन और प्रोक्शन में भी हाथ आजमाया है। राजीव कपूर ने भले ही कई हिट फिल्मों में काम किया लेकिन उनका करियर कुछ खास नहीं रहा।
निजी जिंदगी को लेकर खबरों में
राजीव कपूर अपने निजी जिंदगी को लेकर चर्चा में रहे। साल 2001 में राजीव ने आरती सभरवाल से शादी की, लेकिन अपनी शादीशुदा जिंदगी को बचाने में भी वे सफल नहीं हो पाए। शादी के दो साल बाद राजीव और आरती का तलाक हो गया। तलाक के बाद राजीव ताउम्र अकेले रहे. उन्होंने दोबारा शादी नहीं की।