'तारक मेहता...' के बापूजी ने अपने रोल के लिए 280 बार मुंडवाया था सिर
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' लगातार पिछले 13 सालों से दर्शकों का फेवरेट बना हुआ है। वहीं अगर टीआरपी की बात की जाए तो इस लिस्ट में ये भी ये शो नंबर वन के पायदान पर अपनी पकड़ बनाए हुए है। इस शो के हर किरदार की बात ही अलग है। सबकी अपनी एक खास फैन फॉलाइंग है। फिर चाहे वो शो का छोटा कलाकार हो या फिर बड़ा हर कोई दर्शकों का फेवरेट है। शो आज जिस मुकाम पर है वहां तक पहुंचने के लिए पूरी टीम ने काफी मेहनत की है। क्या आप जानते हैं कि शो के बापूजी यानी अमित भट्ट को अपने किरदार में उतरने के लिए वो काम किया जो करना शायद हर किसी के लिए आसन नहीं होगा। अमित भट्ट ने अपने रोल को परफेक्ट बनाने के लिए कई बार अपने सिर मुंडवाया है। इसी के कारण वह एक बीमारी का शिकार भी हुए थे। आइए जानते हैं अमित भट्ट के इस रोल के पीछे की पूरी कहानी।
280 बार मुंडवायर अपना सिर
कई बार स्टार्स अपने कैरेक्टर को पूरी तरह से जस्टिफाई करने के लिए उसी के हिसाब से खुद को बनाने की कोशिश करते हैं। कोई कई किलो अपना वजन बढ़ा लेता है तो कई कम करता है। वहीं कई स्टार्स अपने बालों के साथ भी रियल लाइफ में काफी एक्सपेरिमेंट करते हैं जिसे देखकर फैंस हैरान हर जाते हैं। कुछ ऐसा ही 'तारक मेहता...' के बापूजी यानी अमित भट्ट ने किया है। उन्होंने करीब 280 बार अपना सिर मंडवाया। द मोई ब्लॉग यूट्यूब चैनल के साथ बातचीत करते हुए अमित ने इस पूरे वाकये पर बड़ा खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि शूटिंग के लिए, वह हर 2-3 दिनों में अपना सिर मुंडवाते थे। बार बार ऐसा करने की वजह से वह त्वचा के संक्रमण का शिकार हो गए थे। ऐसा इसलिए क्यों कि वह अधिक बार रेजर ब्लेड का उपयोग सिर मुंडवाने के लिए करते थे। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें सिर ना मुंडवाने की सलाह दी थी।
जानें क्यों कराते थे बार-बार मुंडन
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के पहले के एपिसोड अगर आपको याद हो तो आपने देखा होगा कि बापूजी (चंपकलाल) शो में टोपी नहीं पहनते थे। वहीं पुराने एपिसोड में उन्हें सबने गंजा ही देखा है। लेकिन जब उन्हें सिर मुंडवाने से दिक्कत हुई थीं तब निर्माताओं ने उनके किरदार के लिए गंजा विग पहनने का सुझाव दिया गया था, लेकिन वहीं बाद में उन्होंने विग का सहारा नहीं लिया बल्कि उन्होंने चंपकलाल के किरदार में रियल टच बनाए रखने के लिए 'गांधी टोपी' पहनने का फैसला किया। बापू जी को गांधी टोपी और सर्दियों वाली मंकी कैप में ही देखते है।