मलयालम सिनेमा को देश का विद्रोही सिनेमा घोषित कर देना चाहिए. इस सिनेमा में हमेशा से ही समसामयिक मुद्दों को फिल्म की कहानी में कुछ इस तरह पिरोया जाता है कि बुद्धिमान दर्शकों तक छुपा हुआ सन्देश भी पहुंच जाता है और जो फिल्म को मजे के लिए देखते हैं उनके लिए भी कहानी में पेट भर ड्रामा डाला जाता है. तमाम बंधनों और व्यावसायिक मजबूरियों के बावजूद मलयालम सिनेमा (Malayalam Cinem) एक के बाद एक ऐसी कहानियों पर फिल्में बनता आ रहा है जिन्हें आम दर्शक शायद कभी भी स्वीकार नहीं करते. केरल में शिक्षा का स्तर काफी ऊंचा है, रहवासियों की राजनैतिक समझ भी काफी जागरूक है, कम्युनिस्ट विचारधारा का प्रभाव ज्यादा होने की वजह से मानवीय संवेदनाओं को अभी भी तवज्जो दी जाती है. यही बात मलयालम सिनेमा में भी देखने को मिलती है. इसका ताजा उदहारण है नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज सिनेमा – जन गण मन (Jana Gana Mana). एक ही कहानी में हाल में हुई इतनी सारी घटनाओं के मोती पिरोये गए हैं कि फिल्म एक बेहतरीन आभूषण नज़र आती है. देखने लायक है. तुरंत देखी जानी चाहिए.